Flash Story
नेशनल गेम्स- वाॅलंटियर बनने का क्रेज, तैयारी तेज
नेशनल गेम्स- वाॅलंटियर बनने का क्रेज, तैयारी तेज
महाराज ने पोखड़ा विकासखंड को 5 करोड़ 17 लाख की विकास योजनाओं की दी सौगात 
महाराज ने पोखड़ा विकासखंड को 5 करोड़ 17 लाख की विकास योजनाओं की दी सौगात 
माता- पिता को गौरवान्वित करना बनाइए लक्ष्य- रेखा आर्या
माता- पिता को गौरवान्वित करना बनाइए लक्ष्य- रेखा आर्या
अक्षय कुमार की पहली तेलुगु फिल्म ‘कनप्पा’ की रिलीज तारीख का ऐलान, नया पोस्टर आया सामने
अक्षय कुमार की पहली तेलुगु फिल्म ‘कनप्पा’ की रिलीज तारीख का ऐलान, नया पोस्टर आया सामने
दून विवि की छात्रा को मिला सावित्री बाई फुले फेलोशिप पुरस्कार
दून विवि की छात्रा को मिला सावित्री बाई फुले फेलोशिप पुरस्कार
भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा, प्रेस कॉन्फ्रेंस में की घोषणा
भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा, प्रेस कॉन्फ्रेंस में की घोषणा
हाईकोर्ट ने कहा, प्रदेश सरकार 14 दिन में बताएं कि पंचायत चुनाव कब होंगे
हाईकोर्ट ने कहा, प्रदेश सरकार 14 दिन में बताएं कि पंचायत चुनाव कब होंगे
फेसवॉश लगाने से स्किन ड्राई हो जाती है, तो लगाएं ये फेस पैक, चेहरे पर आएगी चमक
फेसवॉश लगाने से स्किन ड्राई हो जाती है, तो लगाएं ये फेस पैक, चेहरे पर आएगी चमक
केन्द्र सरकार ने प्रदेश को आपदा प्रबन्धन के लिए स्वीकृत किये 1480 करोड़
केन्द्र सरकार ने प्रदेश को आपदा प्रबन्धन के लिए स्वीकृत किये 1480 करोड़

1 जुलाई से लागू होंगे तीन नए क्रिमिनल लॉ, केन्द्र सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

1 जुलाई से लागू होंगे तीन नए क्रिमिनल लॉ, केन्द्र सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

नई दिल्ली। तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई 2024 से प्रभावी हो जाएंगे। इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। जिसमें कहा गया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023), भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita 2023) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई 2024 से लागू होंगे। इन तीन विधेयकों को पहली बार अगस्त 2023 में संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश किया गया था। 21 दिसंबर को राज्यसभा द्वारा पारित होने से पहले तीनों कानूनों को 20 दिसंबर को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को इन्हें अपनी सहमति दे दी थी।

ये कानून क्रमशः औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। तीनों कानूनों का उद्देश्य इसे पूरी तरह से बदलना है। यह भारतीय दंड संहिता, 1860 का स्थान लेता है। इसमें राजद्रोह को हटा दिया गया है, लेकिन अलगाववाद, विद्रोह और भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता के खिलाफ कृत्यों को दंडित करने वाला एक और प्रावधान पेश किया गया है। नाबालिगों से सामूहिक बलात्कार और मॉब लिंचिंग के लिए मौत की सजा का प्रावधान है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023
यह सीआरपीसी, 1973 का स्थान लेता है. इसमें समयबद्ध जांच, सुनवाई और बहस पूरी होने के 30 दिनों के भीतर फैसला देने का प्रावधान है। यौन उत्पीड़न पीड़ितों के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य की गई है। अपराध की संपत्ति और आय की कुर्की के लिए एक नया प्रावधान पेश किया गया है।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023
इसने भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का स्थान लिया है, अदालतों में पेश और स्वीकार्य साक्ष्य में इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड, ईमेल, सर्वर लॉग, कंप्यूटर, स्मार्टफोन, लैपटॉप, एसएमएस, वेबसाइट, स्थानीय साक्ष्य, मेल, उपकरणों पर संदेश शामिल होंगे. केस डायरी, एफआईआर, आरोप पत्र और फैसले सहित सभी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण होगा. इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड का कानूनी प्रभाव, वैधता और प्रवर्तनीयता कागजी रिकॉर्ड के समान ही होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top