Flash Story
सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहा घिबली ट्रेंड, लेकिन बन सकता है प्राइवेसी के लिए खतरा
सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहा घिबली ट्रेंड, लेकिन बन सकता है प्राइवेसी के लिए खतरा
अजित कुमार की आगामी फिल्म ‘गुड बैड अग्ली’ की ‘यूएसए’ में शुरू हुई एडवांस बुकिंग, इस दिन होगी रिलीज
अजित कुमार की आगामी फिल्म ‘गुड बैड अग्ली’ की ‘यूएसए’ में शुरू हुई एडवांस बुकिंग, इस दिन होगी रिलीज
उत्तराखंड में सियासी बयानबाजियों के बीच प्रधानमंत्री मोदी की चिट्ठी ने खींची लक्ष्मण रेखा
उत्तराखंड में सियासी बयानबाजियों के बीच प्रधानमंत्री मोदी की चिट्ठी ने खींची लक्ष्मण रेखा
क्या आपका भी है कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई, तो कंट्रोल करने के लिए इन योगासनों का करें अभ्यास
क्या आपका भी है कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई, तो कंट्रोल करने के लिए इन योगासनों का करें अभ्यास
दून के प्रसिद्ध बुक स्टोर सहित कई दुकानों को किया गया सील, जानिए वजह 
दून के प्रसिद्ध बुक स्टोर सहित कई दुकानों को किया गया सील, जानिए वजह 
चमोली जिला आबकारी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई पर कर्मचारियों में आक्रोश, न्याय की मांग को लेकर आंदोलन की तैयारी
चमोली जिला आबकारी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई पर कर्मचारियों में आक्रोश, न्याय की मांग को लेकर आंदोलन की तैयारी
कम नहीं मिलेगा राशन, गोदामों में लगे इलेक्ट्रिक कांटे- रेखा आर्या
कम नहीं मिलेगा राशन, गोदामों में लगे इलेक्ट्रिक कांटे- रेखा आर्या
जिले में प्रथम बार अब डीएम आफिस में ही आमजन को निःशुल्क विधिक सलाह, निःशुल्क सरकारी वकील मुहैया
जिले में प्रथम बार अब डीएम आफिस में ही आमजन को निःशुल्क विधिक सलाह, निःशुल्क सरकारी वकील मुहैया
आईपीएल 2025 के 13वें मुकाबले में आज लखनऊ सुपर जायंट्स और पंजाब किंग्स होगी आमने- सामने 
आईपीएल 2025 के 13वें मुकाबले में आज लखनऊ सुपर जायंट्स और पंजाब किंग्स होगी आमने- सामने 

जलवायु संकट और भारत

जलवायु संकट और भारत

अशोक शर्मा
वर्ष 2015 के पेरिस जलवायु सम्मेलन में यह तय हुआ था कि वैश्विक तापमान को औद्योगिक युग से पहले के तापमान से 1. 5 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं बढ़ने दिया जायेगा।  लेकिन अब विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वर्तमान नीतियों पर ही दुनिया चलती रही, तो इस लक्ष्य को पूरा करना असंभव है।  कुछ समय पहले संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने विकसित देशों और बड़ी कंपनियों की आलोचना करते हुए कहा था कि ये सभी वादे तो बड़े-बड़े करते हैं, पर उसे पूरा नहीं करते।  हालांकि भारत को अपनी विकास आकांक्षाओं को साकार करने के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता है तथा उसके लिए जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता में बड़ी कटौती कर पाना कठिन है, फिर भी भारत ने स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन और उपभोग को बढ़ाने को अपनी नीतिगत प्राथमिकता बनाया है।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका, चीन और यूरोप के अनेक विकसित देशों की तुलना में भारत में प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन बहुत कम है।  यह अमेरिका में 14. 44, चीन में 8. 85 और जर्मनी में 8. 16 मेट्रिक टन है, जबकि भारत में प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन केवल 1. 91 मेट्रिक टन है।  भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट हरित ऊर्जा उत्पादित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।  ग्लासगो जलवायु सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत 2070 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को शून्य के स्तर पर लाने की दिशा में अग्रसर है।  कुछ समय पहले राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की गयी है।

अंतरिम बजट में कृषि अवशिष्टों के ऊर्जा स्रोत में बदलने के लिए वित्तीय उपायों की घोषणा हुई है।  कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सूर्योदय योजना की घोषणा की है, जिसके अंतर्गत निम्न आय वर्ग के एक करोड़ घरों पर सोलर पैनल लगाये जायेंगे।  बजट में प्रावधान किया गया है कि इन घरों को मुफ्त बिजली भी मिलेगी और वे अपने यहां उत्पादित बिजली के अधिशेष को बिजली ग्रिडों को बेचकर कमाई भी कर सकेंगे।  पेरिस जलवायु सम्मेलन के बाद ही भारत और फ्रांस के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस का गठन हुआ था, जिसमें 125 से अधिक देश शामिल हो चुके हैं।  इस प्रकार भारत न केवल देश में वैकल्पिक और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रयासरत है, बल्कि वह वैश्विक सहभागिता को भी प्रोत्साहित कर रहा है।  दुबई जलवायु सम्मेलन में भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जानकारी दी थी कि 2021-22 में भारत ने 13। 35 लाख करोड़ रुपये जलवायु प्रयासों पर खर्च किया है, जो सकल घरेलू उत्पादन का लगभग 5। 6 प्रतिशत हिस्सा है।  अगले सात वर्षों में इन कोशिशों पर 57 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च की उम्मीद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top