Flash Story
रेखा आर्या ने रक्षा मंत्री को दी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बधाई
रेखा आर्या ने रक्षा मंत्री को दी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बधाई
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत किया फलदार पौधों का रोपण 
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत किया फलदार पौधों का रोपण 
सीएम धामी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में लगाया सीता अशोक का पौधा
सीएम धामी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में लगाया सीता अशोक का पौधा
विश्व पर्यावरण दिवस पर पीएम मोदी ने अपने आवास पर लगाया सिंदूर का पौधा
विश्व पर्यावरण दिवस पर पीएम मोदी ने अपने आवास पर लगाया सिंदूर का पौधा
भारत-पाक वार्ता पर फिर अमेरिका की दखल की मांग, शहबाज शरीफ ने ट्रंप से लगाई उम्मीदें
भारत-पाक वार्ता पर फिर अमेरिका की दखल की मांग, शहबाज शरीफ ने ट्रंप से लगाई उम्मीदें
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में किये गये तीन महत्वपूर्ण समझौते
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में किये गये तीन महत्वपूर्ण समझौते
ऋषिकेश में बनेगा राफ्टिंग मैनेजमेंट सेंटर
ऋषिकेश में बनेगा राफ्टिंग मैनेजमेंट सेंटर
उत्तराखंड में कोविड-19 को लेकर एडवाइजरी जारी
उत्तराखंड में कोविड-19 को लेकर एडवाइजरी जारी
धामी कैबिनेट की बैठक में 12 अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर
धामी कैबिनेट की बैठक में 12 अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर

अग्निवीरों के बेहतर भविष्य की बुनियाद हो

अग्निवीरों के बेहतर भविष्य की बुनियाद हो

अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों की तीन सेवाओं में सैनिकों की भर्ती के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है, जिसकी घोषणा जून 2022 में की गई। योजना के तहत भर्ती जवानों को अग्निवीर कहा जाता है।

सरकार ने अब इस योजना की समीक्षा का कार्य दस अलग-अलग मंत्रालयों के सचिवों को सौंपा है। वे इस भर्ती को अधिक आकषर्क बनाने के सुझाव भी देंगे। इसकी कमियों को दूर भी किया जा सकता है। यह भर्ती चार साल के लिए होती है, जिसमें नियमित वेतन के अतिरिक्त चार साल पूरे होने के बाद अग्निवीरों को लगभग बारह लाख रुपए मिलते हैं। निश्चित संख्या में तकरीबन पच्चीस फीसद अग्निवीरों को स्थायी सेवा का अवसर भी मिलता है।

माना जा रहा है कि अग्निवीर योजना के अंतर्गत वेतन भत्तों में बढ़ोतरी व अन्य लाभ का प्रस्ताव दिया जा सकता है। चूंकि यह योजना सरकार के प्रथम सौ दिन के एजेंडे में शामिल है इसलिए अधिकारी अपनी विस्तृत प्रस्तुति जल्दी ही प्रधानमंत्री कार्यालय को देंगे। आम चुनाव के दौरान इस योजना को विपक्ष द्वारा लगातार निशाने पर रखा गया था। वे अग्निवीर योजना को युवाओं के भविष्य के प्रति खिलवाड़ की तरह पेश कर रहे थे।

साथ ही सत्ता में आने पर इसे समाप्त करने की भी बात की जा रही थी। यह मोदी सरकार की रोजगार योजना का अभिन्न हिस्सा है। हालांकि विशेषज्ञों व पूर्व सैनिकों की दलील है कि मात्र छह माह के प्रशिक्षण से सैनिक नहीं तैयार होता। दूसरे, पूर्व-अग्निवीरों को अर्ध-सैनिक बलों या पुलिस बलों जैसी सेवाओं में शामिल न किए जाने को लेकर सरकार की बहुत आलोचना हो रही है। इतना ही नहीं बल्कि इसे मायावी रोजगार कहा जा रहा है।

इन्हें देश के सशस्त्र बलों में सेवा के लिए अयोग्य भी घोषित किए जाने को लेकर विवाद है। सेवा की इस अल्प अवधि यानी चार साल बाद ये युवा पुन: बेरोजगारों की श्रेणी में आ जाएंगे। ऐसे में इन्हें अप्रशिक्षित कामगारों के तौर पर काम के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। बाइस साल उम्र में जब ये युवा सेवा से बाहर होंगे तो नए सिरे से इन्हें काम की तलाश में भटकना पड़ सकता है। लाजमी है, सरकार ने इसी तरह की समस्याओं को सुलझाने के लिए समीक्षा व सुझाव की कोशिश की है। उम्मीद की जानी चाहिए, इसमें अग्निवीरों के बेहतर भविष्य की बुनियाद रखी जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top