Flash Story
क्या आप जानते हैं सर्दियों में कितने गिलास पानी पीना चाहिए? कहीं लापरवाही न पड़ जाए भारी
क्या आप जानते हैं सर्दियों में कितने गिलास पानी पीना चाहिए? कहीं लापरवाही न पड़ जाए भारी
जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सुरक्षा मुद्दों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे केंद्रीय गृह मंत्री 
जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सुरक्षा मुद्दों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे केंद्रीय गृह मंत्री 
विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में हुए 1,275 करोड़ के व्यापारिक सौदे
विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में हुए 1,275 करोड़ के व्यापारिक सौदे
भ्रष्ट भाजपा नेताओं पर कब होगी केंद्रीय एजेंसियों की कार्यवाही- कांग्रेस
भ्रष्ट भाजपा नेताओं पर कब होगी केंद्रीय एजेंसियों की कार्यवाही- कांग्रेस
पिरूल से सीबीजी उत्पादन- आईओसी सौंपेगी डिटेल फिजीबिलिटी रिपोर्ट
पिरूल से सीबीजी उत्पादन- आईओसी सौंपेगी डिटेल फिजीबिलिटी रिपोर्ट
सत्ता और पद के नशे से लड़खड़ाता सिस्टम
सत्ता और पद के नशे से लड़खड़ाता सिस्टम
नेशनल गेम्स- वाॅलंटियर बनने का क्रेज, तैयारी तेज
नेशनल गेम्स- वाॅलंटियर बनने का क्रेज, तैयारी तेज
महाराज ने पोखड़ा विकासखंड को 5 करोड़ 17 लाख की विकास योजनाओं की दी सौगात 
महाराज ने पोखड़ा विकासखंड को 5 करोड़ 17 लाख की विकास योजनाओं की दी सौगात 
माता- पिता को गौरवान्वित करना बनाइए लक्ष्य- रेखा आर्या
माता- पिता को गौरवान्वित करना बनाइए लक्ष्य- रेखा आर्या

जल संरक्षण और संवर्द्धन को जल आंदोलन के रूप में लिया जाए- सीएम

जल संरक्षण और संवर्द्धन को जल आंदोलन के रूप में लिया जाए- सीएम

‘जल संरक्षण के क्षेत्र में महिला मंगल व युवक मंगल दलों का सहयोग जरूरी”

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कि जल संरक्षण और संवर्द्धन को जल आंदोलन के रूप में लिया जाए। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने शुक्रवार को सचिवालय में बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल संरक्षण के लिए आधुनिक और कारगर तकनीक के इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एवं संचय के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाए और इसके लिए जन सहयोग भी लिया जाए।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि नगर निकायों, प्राधिकरणों, पंचायतीराज और वन विभाग द्वारा जन सहभागिता से कन्टूर ट्रेंचेज, रिचार्ज पिट, चाल-खाल और चेक डैम बनाये जाए। महिला मंगल दलों, युवक मंगल दलों और जल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वालों का इसमें सहयोग लिया जाए। जल संरक्षण और संवर्द्धन के लिए राज्य और जनपद स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाए। वर्षा जल संचय की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। नगरीय क्षेत्रों भूमि का जल स्तर बढ़ाने के लिए सरकारी भवनों के रूफटॉप वाटर को प्रचलित माध्यमों से जमीन तक पहुंचाया जाए।

अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्षा जल संचय के साथ ही जल के दुरूपयोग को रोकने के लिए भी लोगों में जागरूकता लाई जाए। उन्होंने कहा कि वर्षाकाल में पेयजल लाइन के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में उनकी तत्काल मरम्मत की जाए। जनपदों में जल संचय के लिए चाल-खाल और अमृत सरोवर और नये चेक डैम बनाने की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए सभी विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें।

बैठक में सचिव  शैलेश बगोली, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, अपर सचिव  नितिन भदौरिया, अपर मुख्य कार्यकारी स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीना ग्रेवाल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top