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बैडमिंटन पुरुष एकल के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने लक्ष्य सेन, पदक से सिर्फ एक जीत दूर

नई दिल्ली।  लक्ष्य सेन बैडमिंटन में पुरुष एकल सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं, ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय हैं। लक्ष्य ने ताइवान के चू टिन चेन को 19-21, 21-15, 21-12 से हराया। लक्ष्य सेन ने भारतीय बैडमिंटन में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे के चू टिन चेन के खिलाफ तीन गेम की रोमांचक जीत के साथ सेन उस मुकाम पर पहुंच गए हैं, जहां कोई भी भारतीय पुरुष शटलर पहले नहीं पहुंच पाया है। लक्ष्य अब ओलंपिक में बैडमिंटन पुरुष एकल के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर बन गए। अब वह पदक से सिर्फ एक जीत दूर हैं। लक्ष्य से पहले किदांबी श्रीकांत (2016) और पारुपल्ली कश्यप (2012) क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे। सेन पेरिस से बैडमिंटन पदक के लिए भारत की एकमात्र उम्मीद हैं।

प्रणय को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे लक्ष्य
पुरुष एकल के प्री क्वार्टर फाइनल में लक्ष्य सेन का सामना एचएस प्रणय से हुआ था। गुरुवार को खेले गए मुकाबले में विश्व रैंकिंग 19 लक्ष्य ने 13वें रैंक के प्रणय को हरा दिया। इसी के साथ प्रणय का सफर पेरिस ओलंपिक में समाप्त हो गया था। इस मुकाबले का पहला सेट लक्ष्य ने जीता। उन्होंने 21 मिनट तक चले इस गेम में प्रणय को 21-12 से हराया। वहीं, दूसरे सेट में भी लक्ष्य ने दमदार प्रदर्शन किया और 18 मिनट तक चले गेम में प्रणय को 21-6 से हराकर मुकाबला अपने नाम किया था।

प्रणय से पहले क्रिस्टी को दी थी लक्ष्य ने मात
लक्ष्य ने प्रणय से पहले दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी को सीधे गेमों में 21-18, 21-12 से मात दी थी। लक्ष्य ने जीत के बाद कहा था कि, ‘यह काफी कठिन मैच था और मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं।’ उन्होंने कहा, ‘स्वर्ण पदक पर नजरें हैं। पिछले कुछ महीने से प्रदर्शन अच्छा रहा है। उतार चढ़ाव आए हैं लेकिन कुल मिलाकर प्रदर्शन अच्छा ही रहा है।’ विश्व चैंपियनशिप 2021 के कांस्य पदक विजेता अलमोड़ा के 23 वर्ष के लक्ष्य ने मौजूदा आल इंग्लैंड और एशियाई खेल चैंपियन क्रिस्टी के खिलाफ मुकाबला 50 मिनट में जीता था।

लक्ष्य सेन की उपलब्धियां
लक्ष्य सेन के लिए पिछले कुछ साल शानदार गुजरे हैं। 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में लक्ष्य ने स्वर्ण पदक जीता था। वहीं, 2021 में हुएल्वा में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप के पुरुष एकल में लक्ष्य ने कांस्य पदक जीता था। उन्हें किदांबी श्रीकांत के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, इसके बाद लक्ष्य ने थॉमस कप में मेन्स टीम के साथ स्वर्ण पदक जीता था। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में लक्ष्य ने पुरुष एकल में स्वर्ण और मिक्स्ड टीम के साथ रजत पदक जीता। इससे पहले लक्ष्य मनीला में हुए एशिया टीम चैंपियनशिप्स में कांस्य पदक जीत चुके हैं। वहीं, 2018 में ब्यूनस आयर्स में हुए यूथ ओलंपिक गेम्स में लक्ष्य ने रजत पदक जीता था। 2018 में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप्स में उन्होंने कांस्य अपने नाम किया था। एशियन जूनियर चैंपियनशिप्स में 2018 में लक्ष्य ने स्वर्ण और 2016 में कांस्य जीता था।

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