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गर्दन में होने वाले दर्द से हो जाएं सावधान क्योंकि हो सकते हैं ये सर्वाइकल के लक्षण

पहले सर्वाइकल पेन सिर्फ बड़ी उम्र के लोगों को होता था, लेकिन अब यह तेजी से युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है. यह बीमारी बड़े पैमाने पर देखी जा रही है, खासकर उन युवाओं में जो ऑफिस में घंटों कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं. शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाला दर्द पूरे शरीर को असंतुलित कर सकता है, ऐसे में सर्वाइकल पेन ने युवाओं का जीना मुश्किल कर दिया है. गर्दन में होने वाले दर्द को मेडिकल भाषा में सर्वाइकल पेन कहा जाता है. यह दर्द आमतौर पर उन लोगों में देखा जाता है जो घंटों बैठकर काम करते हैं।

सर्वाइकल पेन के लक्षण
अगर इसके लक्षणों की बात करें तो शरीर में इसके कई लक्षण होते हैं. जिनमें सबसे प्रमुख है गर्दन में दर्द होना. इस स्थिति में गर्दन में रुक-रुक कर दर्द होता है. कभी तेज तो कभी हल्का। इसके कारण कई युवाओं को अपने दैनिक कार्य करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. सर्वाइकल पेन में गर्दन में अकडऩ भी देखने को मिलती है. गर्दन की हालत ऐसी हो जाती है कि उसे हिलाना भी मुश्किल हो जाता है। कई बार गर्दन से शुरू होने वाला दर्द उंगलियों तक पहुंच जाता है. यह दर्द इतना तेज होता है कि इसे सहन करना मुश्किल हो जाता है।
सर्वाइकल पेन में हाथों में भी कमजोरी आने लगती है. जिसके कारण दैनिक कार्य करने में दिक्कतें आती हैं। इससे मांसपेशियों में अनैच्छिक संकुचन होता है।

ये मुख्य लक्षण हैं
ऐसे लक्षण महसूस होने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. लेकिन अब आइए जानें कि सर्वाइकल पेन क्यों होता है?
सर्वाइकल पेन क्यों होता है? मांसपेशियों में खिंचाव, गलत मुद्रा में बैठना, लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल का इस्तेमाल करना, पर्याप्त नींद न लेना सर्वाइकल पेन का कारण बनता है. यह बीमारी खास तौर पर आईटी प्रोफेशनल्स में बड़े पैमाने पर देखी जाती है।

जो लंबे समय तक बैठे रहने वाली जॉब करते हैं. सर्वाइकल पेन का इलाज क्या है? वहीं अगर इसके इलाज की बात करें तो डॉक्टर इसके पीछे की वजह बताते हुए कहते हैं कि सबसे पहले आपको यह पता लगाना होगा कि आपको सर्वाइकल पेन क्यों हो रहा है. क्योंकि कई मामलों में देखा जाता है कि दर्द के कारण अलग-अलग होते हैं, उसी के अनुसार आपके लिए इलाज का मार्ग प्रशस्त होगा।

अगर सर्वाइकल पेन गलत पोस्चर में बैठने की वजह से हो रहा है तो ऐसी स्थिति में मरीज को बिना किसी देरी के अपने बैठने की मुद्रा बदलनी होगी. इससे मरीज को राहत मिलने की पूरी संभावना है. इसके अलावा दर्द से राहत पाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें. क्योंकि आमतौर पर व्यायाम के अभाव में भी शरीर के किसी हिस्से में दर्द देखा जाता है और अगर यह दर्द गंभीर रूप ले रहा है तो ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और उनके सुझावों का पालन करना चाहिए।

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