अगर आप भी रोजमर्रा में माइक्रोवेव यूज करते हैं तो कभी न कभी आपने ये तो सुना ही होगा कि माइक्रोवेव का गरम किया हुआ खाना या पकाया हुआ खाना खाने से आपके लिए उतना लाभकारी नहीं है क्योंकि ऐसा करने के खाने के पोषक तत्व जल जाते हैं और खाना हेल्दी नहीं रहता. इसके पीछे के राज से पर्दा उठाने से पहले आइए ये माजरा समझते हैं कि माइक्रोवेव में खाना आखिर गर्म कैसे होता है !
ऐसे काम करता है माइक्रोवेव
जानकार बताते हैं कि माइक्रोवेव में खाना माइक्रोवेव किरणों के जरिए गरम होता है. इस प्रोसेस में खाने के अंदर का पानी, प्रोटीन और फैट एक तरह से चुम्बक का काम करते हैं। ये माइक्रोवेव किरणों के कॉन्टैक्ट में आने से वाइब्रेट करने लगते हैं, जिससे इनके अंदर गर्मी पैदा होती है और खाना गर्म होता है या पकता है।
मजेदार बात ये है कि इस आउट टू इन प्रोसेस है, पहले खाने का बाहरी एक से डेढ़ इंच हिस्सा गर्म होता है. इस हिस्से के गर्म हो जाने के बाद, गर्मी बीच वाले हिस्से की तरफ बढ़ती है. इस तरह पूरा खाना गर्म होता है। ध्यान देने वाली बात ये भी है कि माइक्रोवेव कुकिंग में अगर खाने में पानी की मात्रा ज्यादा होगी तो खाना जल्दी पकेगा. वहीं अगर पानी कम होगा तो खाना देर में पकेगा।
क्या माइक्रोवेव में खाना पकाना या गर्म करना हानिकारक है
गैस-चूल्हे के मुकाबले माइक्रोवेव पर खाना जल्दी पकता है, इसलिए खाने के पोषक तत्वों पर ज्यादा असर नहीं पड़ता, लेकिन हर पदार्थ के साथ ऐसा नहीं है, जैसे कि विटामिन बी12. ये हीट के कारण नष्ट हो जाता है, चाहे खाना आंच पर बनाये या माइक्रोवेव में, गर्मी के कारण विटामिन बी12 नष्ट होगा ही. माइक्रोवेव में खाना बनाने में पोषक तत्व बचा रहता है और माइक्रोवेव के खाने का स्वाद भी अलग आता है।
इसके ठीक विपरीत रिसर्च में ये बात सामने आई है कि माइक्रोवेव खाने में मौजूद कीटाणुओं को 2-4 मिनट के अंदर ही मार देता है लेकिन अगर माइक्रोवेव में खाना ठीक से नहीं पका तो इससे इन्फेक्शन भी फैल सकता है. इसलिए माइक्रोवेव के अपने फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। लेकिन देखा जाए तो माइक्रोवेव में खाना गर्म करने या पकाने से उसके पोषक तत्व खत्म नहीं होते. आजकल की तेज रफ्तार दुनिया में माइक्रोवेव ने खाना बनाने या गर्म करने के प्रोसेस को काफी सुगम कर दिया है. जिसमें वक्त भी कम लगता है और आसानी भी है।