Flash Story
आईपीएल 2025- मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच मुकाबला आज 
आईपीएल 2025- मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच मुकाबला आज 
मुख्यमंत्री धामी ने सम्भागीय निरीक्षक पद पर नियुक्त अभ्यर्थियों को प्रदान किये नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री धामी ने सम्भागीय निरीक्षक पद पर नियुक्त अभ्यर्थियों को प्रदान किये नियुक्ति पत्र
अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘आर्या 2’ एक बार फिर से देगी सिनेमाघरों में दस्तक, इस दिन होगी री-रिलीज
अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘आर्या 2’ एक बार फिर से देगी सिनेमाघरों में दस्तक, इस दिन होगी री-रिलीज
मुख्यमंत्री धामी ने फूड प्वाइजनिंग से बीमार लोगों का जाना हालचाल 
मुख्यमंत्री धामी ने फूड प्वाइजनिंग से बीमार लोगों का जाना हालचाल 
यूपीआई लेनदेन की सुरक्षा और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए नए नियम किए जारी, आज से होंगे लागू 
यूपीआई लेनदेन की सुरक्षा और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए नए नियम किए जारी, आज से होंगे लागू 
हल्द्वानी में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन, दलित समाज पर टिप्पणी को लेकर आक्रोश
हल्द्वानी में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन, दलित समाज पर टिप्पणी को लेकर आक्रोश
क्या आप भी करते हैं नमक का अधिक सेवन, तो जान लीजिये इससे होने वाले नुकसान
क्या आप भी करते हैं नमक का अधिक सेवन, तो जान लीजिये इससे होने वाले नुकसान
30 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री धाम के कपाट, 29 अप्रैल को मां गंगा की विग्रह डोली मुखबा गांव से होगी रवाना 
30 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री धाम के कपाट, 29 अप्रैल को मां गंगा की विग्रह डोली मुखबा गांव से होगी रवाना 
मुख्यमंत्री धामी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से टनकपुर – दौराई एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना 
मुख्यमंत्री धामी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से टनकपुर – दौराई एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना 

रोकनी होगी भोजन की बर्बादी

रोकनी होगी भोजन की बर्बादी

रमेश सर्राफ धमोरा
रोटी, कपड़ा और मकान मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएं मानी जाती हैं। जिसके बिना मनुष्य का जीवन बहुत मुश्किल है। इसमें रोटी सबसे महत्वपूर्ण है। खाद्य सुरक्षा का उद्देश्य यह सुनिश्चित किया जाना है कि हर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिल सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में हर दस में से एक व्यक्ति दूषित भोजन का सेवन करने से बीमार पड़ जाता है। जो सेहत के लिए एक बड़ा खतरा है। भोजन की कमी व दूषित भोजन खाने से प्रतिवर्ष हजारों लोगों की जान चली जाती है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व स्वास्थ्य संगठन और खाद्य और कृषि संगठन को दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के प्रयासों का नेतृत्व करने और पौष्टिक खाने के प्रति लोगों को जागरुक करने की जिम्मेदारी दी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 2018 में पहली बार खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया था। इसके बाद पहली बार 7 जून 2019 में विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया गया था। तब से हर वर्ष 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाने लगा है।

भारत का खाद्य मंत्रालय भोजन की बर्बादी को रोकने के लिए शदियों में मेहमानों की संख्या के साथ ही परोसे जाने वाले व्यंजनों की संख्या सीमित करने पर विचार कर रहा है। इस बारे में विवाह समारोह अधिनियम, 2006 कानून भी बनाया गया है। हालांकि इस कानून का कड़ाई से कहीं भी पालन नहीं किया जाता है। भारत में हर वर्ष जितना भोजन तैयार होता है उसका एक तिहाई बर्बाद हो जाता है। बर्बाद होने वाला भोजन इतना होता है कि उससे करोड़ों लोगों की खाने की जरूरत पूरी हो सकती है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में बढ़ती सम्पन्नता के साथ ही लोग खाने के प्रति असंवेदनशील हो रहे हैं। खर्च करने की क्षमता के साथ ही खाना फेंकने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। विश्व खाद्य संगठन के अनुसार देश में हर साल पचास हजार करोड़ रुपए का भोजन बर्बाद चला जाता है। एक आंकलन के मुताबिक बर्बाद होने वाले भोजन की धनराशि से पांच करोड़ बच्चों की जिदगी संवारीं जा सकती है।

विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य अपव्यय को रोके बिना खाद्य सुरक्षा सम्भव नहीं है। इस रिपोर्ट में वैश्विक खाद्य अपव्यय का अध्ययन पर्यावरणीय दृष्टिकोण से करते हुए बताया है कि भोजन के अपव्यय से जल, जमीन और जलवायु के साथ साथ जैव- विविधता पर भी बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। रिपोर्ट के मुताबिक हमारी लापरवाही के कारण पैदा किए जाने वाले अनाज का एक तिहाई हिस्सा बर्बाद कर दिया जाता है। देश में एक तरफ करोड़ों लोग खाने को मोहताज हैं, वहीं लाखों टन खाना प्रतिदिन बर्बाद किया जा रहा है।
हमारे देश में हर साल उतना गेहूं बर्बाद होता है, जितना आस्ट्रेलिया की कुल पैदावार है। नष्ट हुए गेहूं की कीमत लगभग 50 हजार करोड़ रुपये होती है और इससे 30 करोड़ लोगों को साल भर भरपेट खाना दिया जा सकता है। हमारे देश में 2.1 करोड़ टन अनाज केवल इसलिए बर्बाद हो जाता है। क्योंकि उसे रखने के लिए हमारे पास पर्याप्त भंडारण की सुविधा नहीं है। औसतन हर भारतीय एक साल में छह से 11 किलो अन्न बर्बाद करता है। साल में जितना सरकारी खरीदी का धान व गेहूं खुले में पड़े होने के कारण नष्ट हो जाता है। उतनी राशि से गांवों में पांच हजार वेयर हाउस बनाए जा सकते हैं।

आज कल कई शहरो में समाजसेवी लोगो ने मिलकर रोटी बैंक बना रखा है। रोटी बैंक से जुड़े कार्यकर्ता शहर में घरों से व विभिन्न समारोह स्थलों से बचे हुये भोजन को एकत्रित कर जरूरत मंद गरीबो तक पहुंचाते हैं। इससे जहां भोजन की बर्बादी रूकती है, वहीं जरूरत मंदों को भोजन भी उपलब्ध होता है। इस दिशा में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अभियान सोंचे, खाए और बचाएं भी एक अच्छी पहल है। इसमें शामिल होकर की भोजन की बर्बादी रोकी जा सकती है। वर्तमान समय में समाज के सभी लोगों को मिलकर भोजन की बर्बादी रोकने के लिये सामाजिक चेतना लानी होगा। तभी भोजन की बर्बादी रोकने का अभियान सफल हो पायेगा।

खाने की बर्बादी रोकने की दिशा में देश में महिलाएं बहुत कुछ कर सकती हैं। महिलाओं को अपने घर के बच्चों में बचपन से यह आदत डालनी होगी कि जितनी भूख हो उतना ही खाना लो। एक- दूसरे से बांट कर खाना भी भोजन की बर्बादी को बड़ी हद तक रोक सकता है। हमें अपनी आदतों को सुधारने की जरूरत है। धार्मिक लोगों एवं स्वयंसेवी संगठनों को भी इस दिशा में पहल करनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top