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रेल दुर्घटनाओं की रोकथाम कैसे?

रेल दुर्घटनाओं की रोकथाम कैसे?

अजय दीक्षित
छोटी-छोटी रेल दुर्घटनाओं की खबर स्थानीय अखबारों में छप जाती है या लोगों को मालूम ही नहीं होता । रेल सेफ्टी से प्राय: ड्राइवर या अधिकारी खिलवाड़ करते हैं । पिछले दिनों मुरैना-आगरा खण्ड पर जाजौ और मनियां के बीच ड्राइवरों को कॉशन था कि बहुत धीमी रफ्तार से गाड़ी चलायें । फिर भी थ्रू ट्रेनों के ड्राइवर 180 की स्पीड से गाड़ी ले गये । भाग्य से कोई दुर्घटना नहीं घटी ।

पिछले दिनों न्यूजलपाईगुड़ी में कंचन चंपा और मालगाड़ी की टक्कर में बड़ी संख्या में यात्री मरे? । इसके साथ ही रेल कर्मचारियों को भी मौत का सामना करना पड़ा । कई साल से चर्चा है कि रेलवे ‘कवच’ नाम से सेफ्टी लगा रहा है और इससे रेल की आपस में टक्कर नहीं हो सकेगी । परन्तु जिस तेजी से हाई स्पीड गाडिय़ां चलाई जा रही हैं और ज्यादा किराये वाली सुविधा युक्त गाडिय़ों का नये-नये नामों से संचालन हो रहा है, उतनी तेजी से ‘कवच’ नहीं लगाया जा रहा है । वह जमाना बीत गया जब रेलमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने रेल दुर्घटना होने पर केन्द्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था ।

यूं वर्तमान रेल मंत्री तुरन्त दुर्घटनास्थल पर पहुंच गये थे परन्तु इससे बचाव के काम में कोई तेजी नहीं आती अपितु रेलमंत्री की सुविधा और सुरक्षा में लगे अधिकारी और कर्मचारी उनके आवभगत में लग जाते हैं तो बचाव कार्य में बाधा ही पड़ती है । नये मंत्रिमंडल के गठन के समय जे.डी.यू. ने रेल मंत्रालय की मांग की थी, उस पर प्रधानमंत्री का कहना था कि जिस तेजी से रेल सेवा का विस्तार और विकास हो रहा है उसमें बहुत सक्षम रेलमंत्री की आवश्यकता है। यदि नितीश कुमार स्वयं रेल मंत्रालय संभालें तो सोचा जा सकता है । वर्तमान रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव बहुत कर्मठ और लग्नशील हैं । पिछले कुछ वर्षों में गेज परिवर्तन, तीसरी लाइन, स्टेशनों का विकास और विस्तार रेल सेवा में सुविधा और आराम को लेकर बहुत कुछ किया जा चुका है और आगे भी किया जा रहा है । अब प्रत्येक रेल स्टेशन में स्थानीय उत्पाद की दुकानें खोली जा रही हैं । वेटिंग लिस्ट को कब किया जा रहा है । मध्यम वर्ग व गरीब वर्ग के लिए सस्ती रात्रि कालीन सेवाएं शुरू की जा रही हैं । इसके लिए ऐसे डिब्बों का निर्माण हो रहा है जिसमें ज्यादा स्लीपर होंगे । वंदे भारत ट्रेनों में भी स्लीपर सुविधा का विस्तार किया जा रहा है । परन्तु इन सबसे बढक़र जो ज्यादा जरूरी है वह है रेल सेवा में सुरक्षा ताकि यात्री को भरोसा हो कि वह सकुशल अपने गंतव्य तक पहुंच जायेगा ।

न्यूजलपाईगुड़ी में हुए रेल हादसे के समय कहते हैं सिग्नल काम नहीं कर रहे थे और स्टेशन मास्टर की लिखित आज्ञा से ट्रेन बढ़ रह थी । शायद 15 मिनट के अंतराल पर दोनों ट्रेनों को आज्ञा देने से यह हादसा हुआ हो । त्रिपुरा से सियालदह जा रही इस ट्रेन में 10-15 यात्री मारे गये हैं और बड़ी संख्या में यात्री घायल हैं । कहते हैं कि इस ट्रेन का ड्राइवर और मालगाड़ी का गार्ड भी मारा गया है । रेलवे सेफ्टी के अधिकारी अपने काम में लगे हैं परन्तु इससे मरने वाले वापिस नहीं आयेंगे । प्रधानमंत्री जैसा ध्यान सभी ओर रखते हैं, उनसे विनती है कि कृपया रेलवे सेफ्टी को लेकर अधिकारियों को कड़ा निर्देश दें ताकि भविष्य में कोई रेल हादसा न हो । सभी की नजऱ प्रधानमंत्री मोदी जी की ओर आशा भरी हैं और भविष्य में सुखद परिणाम ही आयेगा ।

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