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हर बार की तरह इस बार भी महंगाई का बोझ लेकर आ रहा नया वित्तीय वर्ष

राजमार्गों पर टोल शुल्क के साथ ही पानी की दरों में भी होगी बढ़ोत्तरी 

जून तक नहीं पड़ेगा बिजली की दरों में बढ़ोतरी का बोझ

देहरादून। हर बार की तरह इस बार भी नया वित्तीय वर्ष आमजन की जेब पर महंगाई का बोझ लेकर आ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल शुल्क बढ़ने से जहां सफर महंगा हो जाएगा। दूसरी ओर पानी की दरों में बढ़ोतरी का बोझ भी आमजन पर पड़ने जा रहा। हालांकि, लोकसभा चुनाव के कारण जनता पर अभी बिजली की दरों में बढ़ोतरी का बोझ जून तक नहीं पड़ेगा। वहीं, टोल शुल्क बढ़ने का असर परिवहन निगम की बसों के किराये पर पर भी पड़ेगा।

एक अप्रैल से प्रदेश की जनता के लिए हलक तर करना भी महंगा हो जाएगा। जल संस्थान की ओर से पानी के बिल में नौ से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की जा रही है। इस लिहाज से अब आपका पानी का बिल 60 रुपये से 150 रुपये त्रैमासिक तक बढ़कर आ सकता है।

शासन की व्यवस्था के तहत हर साल एक अप्रैल से पानी के बिल में वृद्धि हो जाती है। शहरी क्षेत्रों में पानी का बिल हाउस टैक्स के आधार पर तय किया जाता है। शहरी क्षेत्रों में पानी के बिल में हर वर्ष 11 प्रतिशत के करीब बढ़ोतरी होती है।

वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में घर में लगे नलों की संख्या के आधार पर बिल और उसमें बढ़ोतरी का निर्धारण किया जाता है। घर में दो नल होने पर बिल में नौ प्रतिशत और दो से अधिक नल होने पर 11 प्रतिशत और व्यावसायिक कनेक्शन पर 15 प्रतिशत तक की वृद्धि की जाती है। जल संस्थान की ओर से हर तीन माह में पानी के बिल जारी किए जाते हैं।

देहरादून-हरिद्वार राजमार्ग पर पड़ने वाले लच्छीवाला टोल प्लाजा पर सभी वाहनों का टोल शुल्क एक अप्रैल से बढ़ जाएगा। निजी कार का टोल 105 रुपये देना पड़ेगा, जो पहले 100 रुपये था। हल्के व्यावसायिक वाहनों का टोल 165 रुपये के बजाय 170 रुपये, जबकि भारी वाहन का टोल 535 के बजाय 558 रुपये होगा।

24 घंटे के भीतर वापसी में कार का टोल 160 रुपये, हल्के व्यावसायिक वाहनों का टोल 255 रुपये होगा। वहीं, टोल प्लाजा के नियमों के अनुसार स्थानीय डोईवाला वासियों के लिए पूर्व की भांति इस वर्ष भी निश्शुल्क पास की व्यवस्था जारी रहेगी। बीस किमी के दायरे में आने वाले निजी वाहनों के लिए मासिक पास की व्यवस्था मामूली वृद्धि के साथ 330 रुपये से बढ़ाकर 340 रुपये प्रतिमाह की गई है। वहीं, देहरादून से दिल्ली के बीच के टोल शुल्क में वृद्धि होने से दिल्ली की यात्रा भी महंगी हो जाएगी।

टोल शुल्क में एक अप्रैल से बढ़ोतरी के बावजूद उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों का किराया एक हफ्ते तक नहीं बढ़ेगा। निगम प्रबंधन के अनुसार, निगम की बसों का किराया पहले ही राउंड फिगर में चलता है। यानी, अगर 27 रुपये किराया होगा तो निगम 25 रुपये किराया लेता है और 28 रुपये किराया हो तो यात्री से 30 रुपये लिए जाते हैं।

ऐसे में टोल का शुल्क बढ़ने से किराये में फिलहाल वृद्धि नहीं होगी। एक हफ्ते तक टोल की दरों का आकलन किया जाएगा। दिल्ली, चंडीगढ़, अंबाला, लखनऊ, कानपुर, हल्द्वानी, जयपुर आदि मार्गों पर टोल प्लाजा अधिक हैं। ऐसे में इन मार्गों की बसों में किराये में वृद्धि की जा सकती है।

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