Flash Story
यू-ट्यूब चैनल HOI-UVG का उद्देश्य, लोगों का मनोरंजन
यू-ट्यूब चैनल HOI-UVG का उद्देश्य, लोगों का मनोरंजन
एक सप्ताह महिलाओं को मुफ्त सफर कराएंगी महिला सारथी
एक सप्ताह महिलाओं को मुफ्त सफर कराएंगी महिला सारथी
मोदी के प्रयासों से प्रदेश में बारहमासी पर्यटन का श्रीगणेश- महाराज
मोदी के प्रयासों से प्रदेश में बारहमासी पर्यटन का श्रीगणेश- महाराज
आर माधवन और नयनतारा की आगामी फिल्म ‘टेस्ट’ इस दिन होगी ओटीटी पर स्ट्रीम 
आर माधवन और नयनतारा की आगामी फिल्म ‘टेस्ट’ इस दिन होगी ओटीटी पर स्ट्रीम 
हाथ मिलाकर, पीठ थपथपाकर सीएम को शाबाशी
हाथ मिलाकर, पीठ थपथपाकर सीएम को शाबाशी
उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने DGP से की मुलाकात, निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का मिला आश्वासन
उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने DGP से की मुलाकात, निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का मिला आश्वासन
प्रधानमंत्री का मिला साथ, दौडे़गी यात्रा, बनेगी बात
प्रधानमंत्री का मिला साथ, दौडे़गी यात्रा, बनेगी बात
रमजान के पाक महीने में फल और सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त उछाल
रमजान के पाक महीने में फल और सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त उछाल
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत ने किया अहमदाबाद के चिकित्सा संस्थानों का भ्रमण
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत ने किया अहमदाबाद के चिकित्सा संस्थानों का भ्रमण

महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर राष्ट्र की चिंता

महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर राष्ट्र की चिंता

राष्ट्रपति को राष्ट्रीय विवेक का प्रतिनिधि समझा जाता है। इसलिए दलगत सोच से उठ कर इस पद का सम्मान किया जाता है। मगर भारत में सियासी और वैचारिक ध्रुवीकरण इतना तीखा हो चुका है, अब राष्ट्रपति को भी दलगत संदर्भों में देखा जाने लगा है। राष्ट्रपति ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर राष्ट्र की चिंता जताई है। द्रौपदी मुर्मू की इस बात से पूरा देश सहमत होगा कि देश में महिलाओं को कमजोर मानने की मानसिकता बनी हुई है। मुर्मू ने कहा- ‘जो लोग ऐसी सोच रखते हैं, वे इससे भी आगे जाकर महिला को वस्तु मानने लगते हैं।’ उनके इस आह्वान में भी सारा देश अपना स्वर मिलाएगा कि ‘बेटियों की स्वतंत्रता की राह से रुकावटों को हटाना हमारी जिम्मेदारी है।’ इसके बावजूद राष्ट्रपति के वक्तव्य पर जनमत के एक बड़े हिस्से में तीखी प्रतिक्रिया देखी गई, तो उसकी वजह है कि महामहिम ने अपनी इस व्यापक चिंता को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की बहुचर्चित घटना से जोड़ दिया। मूर्मू ने कहा- ‘इस घटना से राष्ट्र आक्रोश में है और मैं भी हूं।’

अब चूंकि राष्ट्रपति ने अपनी चिंता को प्राथमिक रूप से कोलकाता की घटना से जोड़ा, तो लोगों का ध्यान सहज ही इस ओर चला गया कि उन्होंने वक्तव्य उसी रोज जारी किया, जिस दिन भारतीय जनता पार्टी ने इस वारदात को लेकर पश्चिम बंगाल बंद की अपील की हुई थी।
इसी का परिणाम हुआ कि विपक्षी दलों ने और सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोगों ने यह सवाल उठा दिया कि क्या राष्ट्रपति तक मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने और उनसे यौन हिंसा करने, उत्तर प्रदेश में हुई महिला अत्याचार की वीभत्स घटनाओं, महाराष्ट्र के बदलापुर की वारदात आदि की खबर नहीं पहुंची थी?  राष्ट्रपति ने अपने वक्तव्य को ‘महिला सुरक्षा: अब हद हो गई है’ शीर्षक दिया है। तो यह सवाल भी उठा है कि ये हद आखिर कब हुई- कोलकाता में ही ऐसा हुआ या राष्ट्रपति लगातार हो रही ऐसी सभी घटनाओं से आहत हैं? राष्ट्रपति को राष्ट्रीय विवेक का प्रतिनिधि समझा जाता है। इसलिए दलगत सोच से उठ कर इस पद पर बैठे व्यक्ति का सम्मान किया जाता है। मगर भारत में सियासी और वैचारिक ध्रुवीकरण इतना तीखा हो चुका है, अब राष्ट्रपति को दलगत संदर्भों में देखा जाने लगा है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुर्मू ने ऐसी धारणाओं को तोडऩे में कोई योगदान नहीं किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top