Flash Story
चारधाम यात्रा को अपने घर की यात्रा समझकर पूरी मेहतन व लगन से कार्य करें अधिकारी-आयुक्त
चारधाम यात्रा को अपने घर की यात्रा समझकर पूरी मेहतन व लगन से कार्य करें अधिकारी-आयुक्त
बदरीविशाल के अभिषेक एवं अखंड ज्योति के लिए तेल कलश प्रक्रिया आरम्भ
बदरीविशाल के अभिषेक एवं अखंड ज्योति के लिए तेल कलश प्रक्रिया आरम्भ
चारधाम यात्रा 2025: सुगम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी, बुजुर्गो के साथ बच्चे भी करेंगे यात्रा
चारधाम यात्रा 2025: सुगम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी, बुजुर्गो के साथ बच्चे भी करेंगे यात्रा
कोलकाता : लावारिस सूटकेस में मिला महिला का शव, दिखे शरीर पर चोट के निशान
कोलकाता : लावारिस सूटकेस में मिला महिला का शव, दिखे शरीर पर चोट के निशान
गर्मी के साथ बढ़ रहा जंगलों में आग का खतरा
गर्मी के साथ बढ़ रहा जंगलों में आग का खतरा
आईपीएल 2025– लखनऊ सुपर जायंट्स और दिल्‍ली कैपिटल्‍स के बीच मुकाबला आज 
आईपीएल 2025– लखनऊ सुपर जायंट्स और दिल्‍ली कैपिटल्‍स के बीच मुकाबला आज 
राज्य में हर नागरिक को गुणवत्तायुक्त, मानक स्तर की औषधियाँ समय पर उपलब्ध हों- डॉ. राजेश कुमार
राज्य में हर नागरिक को गुणवत्तायुक्त, मानक स्तर की औषधियाँ समय पर उपलब्ध हों- डॉ. राजेश कुमार
सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करती ‘खोली का गणेश‘
सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करती ‘खोली का गणेश‘
क्या आप भी लेते हैं ज्यादा स्ट्रेस, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान
क्या आप भी लेते हैं ज्यादा स्ट्रेस, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान

सिर्फ नकारात्मक एजेंडे पर

सिर्फ नकारात्मक एजेंडे पर

साझा न्यूनतम कार्यक्रम के अभाव में इंडिया गठबंधन महज सीटों का एक तालमेल है- जिसका मकसद भाजपा विरोधी वोटों का बिखराव रोकना है। यह अपने-आप में अच्छी पहल है, लेकिन इसे ‘कुछ नहीं से कुछ बेहतर’ से ज्यादा की रणनीति नहीं माना जाएगा। आखिरकार विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की पहली रैली हुई। पटना में हुई रैली में गठबंधन के कई बड़े चेहरे मौजूद रहे और वहां जुटे लोगों में जीवंतता भी नजर आई। उम्मीद की जा सकती है कि इस रैली की सफलता से विपक्षी दलों में उत्साह एक हद तक लौटेगा, जो हाल में लगातार सियासी झटकों से आहत रहे हैं। इसके बावजूद यह तथ्य अपनी जगह बना हुआ है कि यह गठबंधन उद्देश्य की एकता दिखाने और सत्ता पक्ष के खिलाफ संघर्ष के लिए संकल्पबद्ध होने का संदेश देने में बहुत देर कर चुका है।

पटना रैली में दिए गए भाषणों पर भी गौर करें, तो साफ होता है कि विपक्षी नेता वहां भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन पर बरसने से आगे नहीं बढ़ सके। इससे यही जाहिर होता है कि इंडिया गठबंधन के पास भाजपा विरोधी स्वाभाविक मतदाताओं और एनडीए के दस साल के शासनकाल से असंतुष्ट वोटों को जुटाने के अलावा कोई और रणनीति नहीं है। अपना कोई सकारात्मक एजेंडा जनता के सामने रखने की जरूरत तक इन दलों ने महसूस नहीं की है। इस बीच गठबंधन में शामिल पार्टियां अपना-अपना घोषणापत्र जरूर तैयार कर रही हैं, लेकिन जब एनडीए का मुकाबला वे इंडिया एलायंस के तौर पर करने जा रही हैं, तो उन अलग घोषणापत्रों की क्या साख होगी? वायदों और प्रस्तावित कार्यक्रमों पर कोई न्यूनतम सहमति भी है या नहीं, आखिर यह जानने का मतदाताओं के पास क्या जरिया होगा? मसलन, मतदाता यह कैसे भरोसा करेंगे कि किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने और सेना में अग्निपथ योजना खत्म करने के कांग्रेस के वादे पर गठबंधन में शामिल अन्य दल भी सहमत हैं या नहीं?

यह बेहिचक कहा जा सकता है कि साझा न्यूनतम कार्यक्रम के अभाव में इंडिया गठबंधन महज राज्य स्तर पर सीटों का एक तालमेल है- जिसका मकसद भाजपा विरोधी वोटों का बिखराव रोकना है। यह अपने-आप में एक अच्छी पहल है, लेकिन इसे ‘कुछ नहीं से कुछ बेहतर’ से ज्यादा की रणनीति नहीं माना जाएगा। क्या यह भाजपा की चुनावी मशीन का मुकाबला करने में समर्थ होगा?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top