Flash Story
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सिंचाई विभाग की चेक डैम योजनाओं की समीक्षा की
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सिंचाई विभाग की चेक डैम योजनाओं की समीक्षा की
चारधाम यात्रियों की संख्या में हो रहा है इजाफा- महाराज
चारधाम यात्रियों की संख्या में हो रहा है इजाफा- महाराज
यात्रा मार्ग पर 25 स्थानों पर मिल रही ई चार्जिंग की सुविधा
यात्रा मार्ग पर 25 स्थानों पर मिल रही ई चार्जिंग की सुविधा
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  
भारत का रक्षा निर्यात नई ऊंचाइयों पर, आत्मनिर्भरता बनी सफलता की कुंजी- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
भारत का रक्षा निर्यात नई ऊंचाइयों पर, आत्मनिर्भरता बनी सफलता की कुंजी- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार
एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार
आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान
आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक 
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक 

बारह बजे हुआ रामलला का सूर्य तिलक, चार मिनट तक सूर्य की किरणों ने किया अभिषेक 

बारह बजे हुआ रामलला का सूर्य तिलक, चार मिनट तक सूर्य की किरणों ने किया अभिषेक 

अयोध्या। राम जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। ठीक बारह बजे रामलला का सूर्य तिलक हुआ। भगवान सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक का चार मिनट तक अभिषेक करती रहीं। पूरे दुनिया इस दृश्य की साक्षी बनी। सूर्य तिलक को सही तरीके से कराने के लिए इसरो के साथ देश के विभिन्न आईआईटी के वैज्ञानिक इसका पूर्वाभ्यास करते रहे। शनिवार को अंतिम बार इसका सफल ट्रायल किया गया था।रामजन्मोत्सव पर रामलला ने रत्न जड़ित पीले वस्त्र और सोने का मुकुट धारण कर भक्तों को दर्शन दिए। दोपहर ठीक 12 बजे रामजन्म के साथ ही सूर्य की किरणों ने चार मिनट तक रामलला का ‘सूर्य तिलक’ किया। अध्यात्म व विज्ञान के इस अद्भुत संगम को हर कोई अपनी आंखों में बसाने को लालायित दिखा।

इसके पहले सुबह 3:30 बजे से मंदिर के कपाट खोल दिए गए। रामलला का श्रृंगार, राग-भोग, आरती व दर्शन का क्रम चलता रहा। बालक राम सहित उत्सव मूर्ति की मनमोहक छवि के दर्शनकर भक्त मंत्रमुग्ध होते रहे। भजन, स्तुति के बीच जैसे-जैसे घड़ी की सुइयां 12 की ओर बढ़ीं। लोगों की आतुरता भी बढ़ती गई। पुजारी ने मंदिर के कपाट खोले तो घंटा घड़ियाल बजने के साथ ही भक्तों ने भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौशल्या हितकारी… छंद गायन शुरू कर दिया। पूजन के साथ ही भगवान भाष्कर ने रामलला का राजतिलक किया।

मंदिर के ऊपरी हिस्से पर लगे दर्पण पर सूर्य की किरणें गिरीं। यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में पहुंचीं। पाइप में लगे दर्पण से टकराकर किरणें 90 डिग्री कोण में बदल गई। लंबवत पीतल के पाइप में लगे तीन लेंसों से किरणें आगे बढ़ते हुए गर्भगृह में लगे दर्पण से टकराई।यहां से 90 डिग्री का कोण बनाकर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में रामलला के ललाट को सुशोभित किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top