Flash Story
मन की बात’ देश की जनता को जागरूक बनाने का प्रभावी माध्यम- महाराज
मन की बात’ देश की जनता को जागरूक बनाने का प्रभावी माध्यम- महाराज
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने सुनी “मन की बात”
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने सुनी “मन की बात”
म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर के पास 5.1 तीव्रता का आया भूकंप 
म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर के पास 5.1 तीव्रता का आया भूकंप 
चंपावत में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का शासनादेश जारी
चंपावत में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का शासनादेश जारी
इन परफेक्ट आउटफिट को पहनकर नवरात्रि में दिखाये अपना खूबसूरत और सादगी भरा अंदाज 
इन परफेक्ट आउटफिट को पहनकर नवरात्रि में दिखाये अपना खूबसूरत और सादगी भरा अंदाज 
गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को नई चीजें सीखनी चाहिए- पीएम मोदी
गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को नई चीजें सीखनी चाहिए- पीएम मोदी
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बीते तीन वर्षों में लिए ऐतिहासिक फैसले- कुसुम कण्डवाल
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बीते तीन वर्षों में लिए ऐतिहासिक फैसले- कुसुम कण्डवाल
केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के पड़ावों में किया जाएगा यात्रियों के प्रवास का इंतजाम 
केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के पड़ावों में किया जाएगा यात्रियों के प्रवास का इंतजाम 
शिक्षा विभाग को मिले 25 उप शिक्षा अधिकारी 
शिक्षा विभाग को मिले 25 उप शिक्षा अधिकारी 

आरक्षण का मुद्दा गरमाया

आरक्षण का मुद्दा गरमाया

चुनाव प्रचार में इन दिनों आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। प्रारंभिक तौर पर आरक्षण को सबसे निचले वर्गों की जातियों को आर्थिक तथा राजनीतिक संबल प्रदान करने के लिए वैधानिक तौर पर आरक्षण प्रदान किया गया था। बाद में आरक्षण का विस्तार होता गया और इसमें नये-नये जाति समूह शामिल होते चले गए।आरक्षण प्राप्त करने के लिए जाट और मराठा जैसे शक्तिशाली समूहों को आंदोलन की राह पकडऩी पड़ी।

दरअसल, जो आरक्षण निचली पायदान पर खड़े जाति समूहों के उत्थान के लिए था, वह सभी जाति समूहों के लिए राजनीतिक शक्ति प्राप्त करने का हथियार बन गया। कहने की जरूरत नहीं है कि आज आरक्षण भारतीय समाज के एक बहुत बड़े वर्ग में असंतोष और चिंता का कारक बना हुआ है।

हिन्दू समाज के अनारक्षित जाति समूह मानते हैं कि उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। ऐसी सूरत में एक ऐसे आर्थिक ढांचे पर बल दिए जाने की जरूरत थी जिसमें बिना आरक्षण की सीढ़ी के सभी निचले वर्ग के लोगों को उत्थान के अवसर प्राप्त हों और जातीय आग्रह सामाजिक विग्रह के कारण न बनें लेकिन अब आरक्षण की नीति एक चिंताजनक मोड़ पर ले आई है। एक ओर जहां कांग्रेस के नेता विशेषकर राहुल गांधी आरोप लगा रहे हैं कि मोदी तीसरी बार सत्ता में आए तो संविधान बदल देंगे और आरक्षण खत्म कर देंगे। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी हर सभा में कह रहे हैं कि कांग्रेस ने आरक्षण को मुस्लिम तुष्टिकरण का नया औजार बना लिया है।

वह बार-बार कर्नाटक का उदाहरण दे रहे हैं जहां कांग्रेस ने सभी मुस्लिम जातियों को पिछड़े वर्ग में शामिल करके पिछड़े वर्ग के कोटे से ही 4 प्रतिशत का आरक्षण दे दिया जिसे बाद में भाजपा सरकार ने निरस्त कर दिया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां भाजपा सरकार के फैसले पर रोक लगा दी गई है।

मोदी अपनी हर सभा में खुलकर कह रहे हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो दलित और पिछड़ों का आरक्षण समाप्त कर मुसलमानों को दे देगी। संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। लेकिन कांग्रेस ने चोर दरवाजे से कर्नाटक में आरक्षण देकर जो कदम उठाया है, उसके दुष्परिणाम समझ नहीं पा रही। बेशक, भाजपा को विरोध का बड़ा चुनावी मुद्दा मिल गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top