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अगर अचानक से बहुत ज्यादा ठंड लगने लगे तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह हाइपोथर्मिया का लक्षण भी हो सकता है। यह एक इमरजेंसी मेडिकल कंडीशन होती है. जब शरीर का तापमान अचानक से गिरने लगता है और शरीर ठंडा पडऩे लगता है तब यह समस्या होती है। इस स्थिति में बॉडी टेंपरेचर 95 फॉरेनहाइट के नीचे चला जाता है. मायोक्लोनिक की रिपोर्ट के अनुसार, शरीर का सामान्य से ज्यादा तापमान गिरना कई अंगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इससे हार्ट और नर्वस सिस्टम सही तरह काम नहीं कर पाते हैं।

अगर सही समय पर हाइपोथर्मिया  का इलाज न हो तो हार्ट फेल होने और जान जाने का जोखिम हो सकता है. इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा ठंडे मौसम में रहता है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और बचाव के बारें में…

हाइपोथर्मिया क्या होता है
हाइपोथर्मिया शरीर के तापमान को कम होने की कंडीशन है। दरअसल, हमारे शरीर का एक सामान्य होता है, जो उम्र, लिंग और हेल्थ कंडीशन पर निर्भर करता है. शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट से 100.4 डिग्री फारेनहाइट तक माना जाता है. इस तापमान को कुछ हार्मोन कंट्रोल करते हैं लेकिन जब शरीर का तापमान सामान्य से कम होने लगता है तो ऐसी स्थिति हाइपोथर्मिया कहलाती है।

हाइपोथर्मिया के क्या लक्षण हैं
* बहुत ज्यादा कंपन और थकान
* सांस लेने में दिक्कत
* बोलने में परेशानी होना
* मानसिक क्षमता प्रभावित होना
* याददाश्त कमजोर होने लगना
* हाथ-पैरों में सुन्नपन महसूस होना

हाइपोथर्मिया से किन लोगों को ज्यादा खतरा
हाइपोथर्मिया एक ऐसी कंडीशन है जो किसी को भी हो सकती है लेकिन नवजात शिशु, बढ़ती उम्र या किसी हार्मोनल समस्या के मरीज को इससे सबसे ज्यादा खतरा होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन लोगों में सामान्य शारीरिक तापमान बनाए रखने की क्षमता बेहद कम होती है. अगर कोई डिप्रेशन और साइकोटिक दवाईयों का सेवन कर रहा है तो उनमें यह समस्या देखने को मिल सकती है।

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