Flash Story
स्वास्थ्य विभाग में 276 चिकित्सकों की जल्द होगी भर्ती
अब दीपावली की 31 अक्टूबर व 1 नवंबर की मिली छुट्टी, शासन ने 24 घण्टे के अंदर पलटा अपना आदेश
उत्तराखण्ड सरकार और आईटीबीपी के बीच हुआ एमओयू
सिनेमाघरों में री-रिलीज हो रही ‘करण-अर्जुन’, 22 नवंबर को फिर दिखेगी शाहरुख-सलमान की 90 के दशक की दोस्ती
ब्रिडकुल बनेगी रोपवे विकास की नोडल एजेंसी
दीपावली पर्व एवं कपाट बंद होने के लिए केदारनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया 
देशभर में पटाखों पर प्रतिबंध, जानें कौन-कौन से राज्यों में लागू किए गए नियम
रोजगार मेले में विभिन्न विभागों के 255 नव चयनितों को नियुक्ति पत्र सौंपे
लोग कच्चे लहसुन को मानते हैं हर बीमारी का इलाज, क्या यह मिथक है या सच्चाई?

धामी कैबिनेट के फैसले से संवरेगी आर्थिकी

मत्स्य पालकों में भारी उत्साह, कहा घर के पास ही मिला बाजार

मत्स्य पालन को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में अहम कदम

देहरादून। कैबिनेट के फैसले को लेकर मत्स्य उत्पादकों में भारी उत्साह है। उन्होंने कहा कि धामी सरकार का यह फैसला उनकी आर्थिकी को संवारने में मील का पत्थर साबित होगा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्वतीय जिलों की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाओं को मंजूरी दी है। इसी क्रम में स्थानीय किसानों और पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए विशेष अनुदान आधारित योजनाएं शुरू की गई हैं। कैबिनेट फैसले के अनुसार स्थानीय पशुपालक, कुक्कुट पालक और मत्स्य पालक अपनी भेड़, बकरी, कुक्कुट और मछली आईटीबीपी को बेच सकेंगे। इससे जहां स्थानीय ग्रामीणों को अपने उत्पादों के लिए घर के पास ही बाजार मिलेगा, वहीं वह अच्छी आय भी अर्जित कर सकेंगे।

उत्तराखंड में मत्स्य पालन की बेहतर संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार मत्स्य पालन को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के साथ ही मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत ₹200 करोड़ की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। योजना के तहत राज्य के सभी पर्वतीय जिलों में कोल्ड रनिंग वाटर में ट्राउट मछली का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। रेनबो ट्राउट मछली की विशेषता है कि यह ठंडे पानी में उत्पादित होती है। पानी का तापमान 12 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। मत्स्य विभाग इसके लिए किसानों को प्रशिक्षित करता रहा है।

रेनबो ट्राउट मछली की मार्केटिंग पर जोर
रेनबो ट्राउट जिसे आमतौर पर हिमालयन मछली भी कहा जाता है, के उत्पादन और मार्केटिंग पर सरकार खास जोर दे रही है। इस मछली का उत्पादन मुख्य रूप से चमोली, उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, टिहरी, बागेश्वर में किया जाता है। रेनबो ट्राउट महंगी होने से स्थानीय बाजारों में इसकी मांग कम है, लेकिन महानगरों में अच्छी डिमांड है। अब देश के दूसरे राज्यों में इसकी मार्केटिंग पर जोर दिया जा रहा है। इससे मत्स्य उत्पादक भी अच्छी आय अर्जित कर सकेंगे। राज्य सरकार ने मत्स्य सहकारी समितियों के माध्यम से मत्स्य उत्पादन को बढ़ाने और मार्केटिंग के लिए उत्तरा फिश की स्थापना की है। उत्तरा फिश हिमालयी ट्राउट और अन्य स्थानीय मछलियों को बाजार दिलाने के लिए काम कर रही है।

हमारे प्रदेश में मत्स्य पालन की असीम संभावनाएं हैं। मत्स्य पालन को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं। अधिक से अधिक मत्स्य पालकों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से जोड़ा जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top