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मंकीपॉक्स का खतरा

मंकीपॉक्स का खतरा

अशोक शर्मा
भारत में मंकीपॉक्स का कोई भी मामला अभी तक सामने नहीं आया है।  फिर भी इसके संक्रमण को रोकने और नियंत्रित करने के लिए आवश्यक उपाय किये जायेंगे।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में इस संबंध में एक समीक्षा बैठक भी की है।  ऐसी आशंका जतायी गयी है कि आगामी सप्ताहों में संक्रमण के कुछ मामले भारत में भी हो सकते हैं, पर बड़े पैमाने पर इसके फैलने की संभावना बहुत ही कम है।

वर्ष 2022 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके संक्रमण के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलने को लेकर पहली बार आगाह किया था।  तब से हमारे देश में एमपॉक्स के कुल 30 मामले ही सामने आये हैं।  अंतिम मामला इस वर्ष मार्च में दर्ज किया गया था।  अफ्रीका के कई देशों में इस बीमारी के फैलने के बाद कुछ दिन पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर से विश्व समुदाय को चेतावनी दी है।  अफ्रीका के अलावा अभी तक एमपॉक्स के कुछ मामले अमेरिका, यूरोप और पाकिस्तान में सामने आये हैं।

कोरोना महामारी समेत अनेक तरह के हालिया संक्रमणों के असर की वजह से एमपॉक्स को लेकर चिंतित होना स्वाभाविक है।  लेकिन हर संक्रमण के कारण और प्रभाव अलग-अलग होते हैं।  एमपॉक्स वैसे नहीं फैलता, जैसा कुछ अन्य घातक संक्रमणों में होता है।  दो से चार सप्ताह के बीच संक्रमित व्यक्ति में इसका असर समाप्त हो जाता है तथा चिकित्सकीय मदद से रोगी धीरे-धीरे स्वस्थ हो जाता है।  दूसरे लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा तभी होता है, जब संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में लंबे समय तक रहा जाए।

यह संक्रमण मुख्य रूप से यौन संबंध, शारीरिक द्रवों के आदान-प्रदान या संक्रमित व्यक्ति के कपड़े पहने या इस्तेमाल करने से फैलता है। इसलिए मामूली सावधानी से बरतने से भी इससे बचाव संभव है।  लेकिन सरकारी स्तर पर किसी भी तरह के जोखिम को अनदेखा नहीं किया जा रहा है।  चूंकि अभी संक्रमण मुख्य रूप से अफ्रीका में है तथा कुछ मामले विभिन्न देशों में सामने आये हैं, इसलिए बाहर से इसके भारत में आने की आशंका अधिक है।  इसलिए सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमा पर स्थित क्रॉसिंग पर सेवारत स्वास्थ्य इकाइयों को आवश्यक निर्देश दिये जा रहे हैं।  इसके लिए कई प्रयोगशालाओं को तैयार किया जा रहा है।  दो साल पहले इस संक्रमण के बारे में निर्देश जारी होने के बाद से अब तक दुनियाभर में 99 हजार से कुछ अधिक मामले सामने आये हैं।  एमपॉक्स संक्रमण से इस अवधि में 116 देशों में 208 मौतों की आधिकारिक पुष्टि की गयी है।  सतर्कता से इस चुनौती का सामना आसानी से किया जा सकता है।

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