Flash Story
प्रदेश की महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा पहनकर पारंपरिक रूप से करें खिलाड़ियों का स्वागत- सीएम धामी 
प्रदेश की महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा पहनकर पारंपरिक रूप से करें खिलाड़ियों का स्वागत- सीएम धामी 
मुख्यमंत्री धामी ने पौड़ी बस हादसे में मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने के दिए निर्देश 
मुख्यमंत्री धामी ने पौड़ी बस हादसे में मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने के दिए निर्देश 
क्या आप रोजाना अच्छी नींद ले पा रहे हैं? अगर नहीं, तो आपकी सेहत पर हो सकता है इसका दुष्प्रभाव 
क्या आप रोजाना अच्छी नींद ले पा रहे हैं? अगर नहीं, तो आपकी सेहत पर हो सकता है इसका दुष्प्रभाव 
पर्यटन में नई उपलब्धियों के साथ आगे आ रहा उत्तराखंड
पर्यटन में नई उपलब्धियों के साथ आगे आ रहा उत्तराखंड
यूपी की संगम नगरी में हुआ महाकुंभ मेले का दिव्य और भव्य आगाज
यूपी की संगम नगरी में हुआ महाकुंभ मेले का दिव्य और भव्य आगाज
2027 तक प्रदेश का कृषि उत्पादन दोगुना करना लक्ष्य
2027 तक प्रदेश का कृषि उत्पादन दोगुना करना लक्ष्य
भारत का भविष्य बनेंगे उत्तराखंड के युवा- रेखा आर्या
भारत का भविष्य बनेंगे उत्तराखंड के युवा- रेखा आर्या
मुख्यमंत्री धामी ने अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री धामी ने अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का किया शुभारंभ
छात्रों को रुपये ऑनलाइन डॉलर में बदलने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार 
छात्रों को रुपये ऑनलाइन डॉलर में बदलने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार 

चिंताजनक- दिसंबर माह तक बद्रीनाथ धाम में बर्फबारी न होने से विशेषज्ञों ने जतायी चिंता 

चिंताजनक- दिसंबर माह तक बद्रीनाथ धाम में बर्फबारी न होने से विशेषज्ञों ने जतायी चिंता 

देहरादून। जलवायु परिवर्तन के कारण बदरीनाथ धाम में दिसंबर तक बर्फबारी न होने पर विशेषज्ञों और तीर्थ पुरोहितों ने चिंता जताते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए वैज्ञानिक आधार पर विकास कार्य किए जाना जरूरी बताया है। कपाट खुलने से कपाट बंद होने तक छह माह प्रवास करने वाले देवप्रयाग के तीर्थ पुरोहित उत्तम भट्ट व अशोक टोडरिया ने बताया कि बदरीनाथ जैसे उच्च हिमालय क्षेत्र में कभी वर्ष 2024 जैसी स्थिति नहीं देखी है। इस बार छह माह के अंदर एक बार भी बर्फबारी नहीं हुई है। जबकि 2023 में अक्टूबर के महीने में ही तीन बार बर्फबारी हो चुकी थी।

बताया कि बदरीनाथ के कपाट बंद होने के तीन सप्ताह गुजरने के बाद बदरीपुरी में बर्फ नहीं है। तीर्थपुरोहित इस परिवर्तन को बदरीधाम में अंधाधुंध वाहनों की आवाजाही और ऑल वेदर रोड़ निर्माण का प्रभाव बताते है। जिसका वैज्ञानिक स्तर पर अध्ययन होना जरूरी है।

उत्तराखंड औद्यानिक एवं वानिकी विवि के पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रो. एससी सती के अनुसार बदरीनाथ जैसे उच्च हिमालय क्षेत्रों में मौसमी भिन्नता के चलते यह स्थिति बनी है। इन क्षेत्रों में बारिश नहीं होने से बर्फबारी में भी कमी आई है। प्रो.सती के अनुसार पिछला वर्ष एक लाख सालों में सबसे गर्म वर्ष रहा है। किंतु 2024 में जिस तरह तापमान में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, उससे यह पिछले वर्ष से अधिक गरम साल साबित हो सकता है। उनके अनुसार बदरीनाथ धाम में तापमान बढ़ने के पीछे मौसमी भिन्नता है। जिसका असर बर्फबारी सहित यहां जल स्रोतों पर भी पड़ रहा है।

जीबी पंत हिमालय पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा के पूर्व निदेशक व पूर्व वीसी डाॅ. पीपी ध्यानी के अनुसार वैश्विक तापमान में वृद्धि के साथ ही मानवीय गतिविधियों से हिमालय के इस क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन हो रहा है। विदेशों की भांति बदरीनाथ धाम में भी वाहनों व यात्रियों के वहन करने की क्षमता का आकलन कर उसे नियंत्रित किया जाना जरूरी है। डॉ ध्यानी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने होंगे। ताकि जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान किया जा सके।

दिसंबर का पहला सप्ताह बीत गया है, पर केदारनाथ सहित अन्य ऊंचाई वाली पहाड़ियां बर्फविहीन बनी हुई हैं। हिमालय की चोटियों में भी नाममात्र की बर्फ है, जिसे जानकार भविष्य को लेकर चिंतित हैं। इस वर्ष सितंबर के बाद से केदारनाथ में न तो बारिश हुई और न बर्फबारी। केदारनाथ पुनर्निर्माण से जुड़े सेवानिवृत्त सूबेदार मनोज सेमवाल, सोवन सिंह बिष्ट का कहना है दस वर्षों से वह शीतकाल में भी धाम में रह रहे हैं।

यह पहला मौका है, जब दिसंबर का पहला सप्ताह भी केदारनाथ में बिना बर्फबारी के रहा है। वहीं एचएनबी केंद्रीय विवि श्रीनगर के उच्च शिखरीय पादप शोध संस्थान के निदेशक डॉ. विजयकांत पुरोहित ने कहा कि मौसम चक्र में हो रहा बदलाव ठीक नहीं है। बर्फबारी नहीं होने से ग्लेशियरों को नई बर्फ नहीं मिल रही है, जिससे फरवरी से ही ग्लेशियर पिघलने लगेंगे, जो गंभीर समस्या बनेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top