Flash Story
‘वनवास’ का ट्रेलर रिलीज, दिल छू लेने वाली कहानी लेकर आए नाना पाटेकर और उत्कर्ष शर्मा
यूपी निर्माण निगम को गुणवत्ताहीन निर्माणाधीन आईटीआई भवनों के मामले में नोटिस जारी
प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज सही है या नहीं, जानें क्या है पूरा सच
अखिलेश यादव ने संभल हिंसा को सोची-समझी साजिश बताया, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
ब्लाक प्रमुखों एवं ग्राम प्रधानों को भी मिल सकती है प्रशासक की जिम्मेदारी
59 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर वृद्धावस्था पेंशन के लिए करें आवेदन
कांग्रेस को ईवीएम के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, सैकड़ो मरीजों ने लिया स्वास्थ्य लाभ
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार 2024 किए प्रदान

बेवजह बवंडर, पत्रकारों के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही राज्य की धामी सरकार

-स्थानीय पत्रकारों के हितों में पहली बार किसी सरकार ने उठाए बड़े कदम

-छोटे एवं मंझौले पत्र-पत्रिकाओं को नियमित रूप से प्रदान किये जा रहे विज्ञापन

देहरादून। उत्तराखंड में कुछ विघ्नसंतोषी, आये दिन कुछ न कुछ नए खुरपेंच में लगे रहते हैं। इस बार उनके हाथ कुछ नहीं आया तो निशाना कांग्रेस के मार्फत राज्य के सूचना विभाग को बना डाला। एक पत्रिका को कथित रूप से विज्ञापन जारी करने के मामले में तथ्यों को परे रखकर अनर्गल आरोप लगाए जा रहे जबकि हकीकत यह है कि राज्य की धामी सरकार पत्रकारों के हितों के लिए पूरे समर्पण भाव से कार्य कर रही है। राज्य के पत्रकारों के हित में पहली बार ऐसे कई ठोस निर्णय लिए गए जो पहले कभी नहीं हुए। सबसे अहम बात यह कि स्वयं मुख्यमंत्री धामी बीती 5 अगस्त को सूचना निदेशालय पहुँचे और सूचना महानिदेशक व उनकी पूरी टीम की मौजूदगी में राज्य के पत्रकारों के हित में तमाम अहम निर्णय लिए।

बैठक में निर्णय लिया गया कि पत्रकारों के लिए बने कार्पस फण्ड को 10 करोड़ किया जाएगा। पहले इस फंड की राशि 5 करोड़ हुआ करती थी। यानि अब इसे दोगुना कर दिया गया है। इतना ही नहीं, पहली बार किसी सरकार ने तहसील स्तर पर कार्यरत पत्रकारों को मान्यता देने के लिए व्यवस्था बनाने की बात कही है। एक और बात यह कि पत्रकारों को ग्रुप इन्शुरन्स की सुविधा देने पर भी विचार शुरू हो गया है।

वहीं, विभाग द्वारा नियमित रूप से उत्तराखंड के छोटे एवं मंझौले पत्र पत्रिकाओं का विशेष रूप से प्रोत्साहन किया जा रहा है। विगत दो वर्ष से इन पत्रों को नियमित रूप से विज्ञापन प्रदान किये जा रहे हैं। इसी 15 अगस्त को समस्त साप्ताहिक-मासिक आदि पत्र पत्रिकाओं को दो दो पेज का विज्ञापन जारी करने के अलावा इससे कुछ दिन पूर्व भी एक विज्ञापन छोटे पत्र-पत्रिकाओं को दिया गया। ऐसे में, विज्ञापनों को लेकर बेवजह का बवंडर करना प्रायोजित नजर आता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top