Flash Story
यूपी निर्माण निगम को गुणवत्ताहीन निर्माणाधीन आईटीआई भवनों के मामले में नोटिस जारी
प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज सही है या नहीं, जानें क्या है पूरा सच
अखिलेश यादव ने संभल हिंसा को सोची-समझी साजिश बताया, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
ब्लाक प्रमुखों एवं ग्राम प्रधानों को भी मिल सकती है प्रशासक की जिम्मेदारी
59 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर वृद्धावस्था पेंशन के लिए करें आवेदन
कांग्रेस को ईवीएम के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, सैकड़ो मरीजों ने लिया स्वास्थ्य लाभ
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार 2024 किए प्रदान
शिक्षा विभाग में तैनात होंगे 599 और अतिथि शिक्षक

एक देश, एक चुनाव व्यवहारिक और समझदारी नहीं – कांग्रेस

चुनाव एक साथ होने पर पांच साल तक जनता की कोई सुध नहीं लेगा- कांग्रेस

कांग्रेस ने पूर्व राष्ट्रपति की रिपोर्ट का जिक्र किया

देहरादून। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा एक देश एक चुनाव की पैरोकारी किए जाने पर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा ने प्रतिक्रिया दी है। दसौनी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र और राज्य के मुद्दे अलग-अलग होते हैं ऐसे में यदि केंद्र और राज्यों के चुनाव एक साथ होंगे तो राज्यों के मुद्दे गौण हो जाएंगे और केंद्र के मुद्दे चुनाव के दौरान हावी रहेंगे।

वहीं दूसरी ओर बार-बार चुनाव होने से कोई भी राजनीतिक दल या नेता चुनाव के बाद निष्क्रिय नहीं हो पाएगा क्योंकि कभी विधानसभा चुनाव के लिए तो कभी लोकसभा और कभी निकाय चुनाव के लिए उसको बार बार जनता के दरवाजे पर वोट मांगने के लिए जाना ही होगा।
इसलिए चुनाव रिजल्ट ओरिएंटेड और विकास ओरिएंटेड रहेंगे और निरंतर राजनीतिक दल और उसके नेता और कार्यकर्ता जनता के बीच में बने रहेंगे ।

परंतु यदि चुनाव एक साथ हो जाते हैं तो 5 साल तक जनता की कोई सुध तक नहीं लेगा। गरिमा के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि बार-बार चुनाव होने की वजह से देश की जीडीपी प्रभावित होती है जो कि बिल्कुल गलत तथ्य है जीडीपी की वृद्धि बहुत सारे मानकों पर निर्भर करती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि संविधान में संशोधन के लिए राज्यों की अनुमति की जरूरत नहीं होगी, जो कि देश की संघीय व्यवस्था के लिए बहुत खतरनाक है।

यह भी कहा गया है कि राज्यों के मतदाता सूची से राज्य चुनाव आयोग का कोई लेना-देना नहीं होगा और मतदाता सूची पर अंतिम निर्णय भारतीय निर्वाचन आयोग का होगा जो कहीं ना कहीं एक घातक निर्णय है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जो भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के चुनाव एक चरण में नहीं करवा पा रही है उसके लिए उसे सात चरणों की जरूरत पड़ रही है वह पूरे देश में एक चुनाव क्या करवाएगी?

कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा कार्यकाल के बीच में मात्र 23 दिन का अंतर था परंतु हरियाणा और जम्मू कश्मीर के चुनाव तो घोषित हो गए परंतु बाकी दो राज्यों में जो विधानसभा चुनाव होने हैं उनकी तिथि अभी तक घोषित नहीं हो पाई है।
उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि देश में पहले एक साथ चुनाव नहीं हुआ करते थे परंतु समय के साथ-साथ समीकरणों में बहुत सारी जटिलताएं आई हैं और एक साथ चुनाव करवाए जाने के लिए बड़ी संख्या में वीवीपैट और ईवीएम मशीन की जरूरत होगी जिनकी लागत प्रतिवर्ष बढ़ रही है और एक साथ चुनाव करवाने में देश के ऊपर एक बड़ा खर्च जबरन लादा जाएगा । एक देश एक चुनाव कहीं से कहीं तक व्यावहारिक और समझदारी का फैसला नहीं दिखाई पड़ता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top