Flash Story
सीएम धामी ने पीएम जनमन योजना के लाभार्थियों को प्रदान किए प्रमाण पत्र
पीएम स्वनिधि योजना में उत्तराखंड ने हासिल किया शत – प्रतिशत लक्ष्य
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों पर हताश विपक्ष को तीर्थ पुरोहितों ने खुद दिया जवाब
कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आज हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, मां गंगा को नमन कर लगाई आस्था की डुबकी
उत्तराखंड पीसीएस मुख्य परीक्षा स्थगित, आयोग ने जारी की सूचना
पेड़-पौधे लगाते समय हो जाएं सावधान, नहीं तो बढ़ सकता है इन 6 बीमारियों का खतरा
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने केदारनाथ उपचुनाव में तेज किया प्रचार, कांग्रेस पर किए तीखे हमले
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए GRAP-3 लागू, आज से कई गतिविधियों पर प्रतिबंध
श्रीनगर बैकुंठ चतुर्दशी मेला राज्य की अनमोल धरोहर- मुख्यमंत्री

सीएम का पूर्व निजी सचिव उपाध्याय गिरफ्तार

टेंडर के नाम पर करोड़ों की ठगी का था आरोपी

देहरादून। सिडकुल हरिद्वार में स्थित एक दवा कंपनी के मालिक से दवाओं के टेंडर के नाम पर करीब 52 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने मुख्यमंत्री के पूर्व प्रमुख निजी सचिव पीसी उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया। मामले में आरोपी के सहयोगी सौरभ वत्स उर्फ सौरभ शर्मा को भी राजस्थान के प्रतापनगर भीलवाड़ा में दर्ज मुकदमे में राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मामले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सिडकुल हरिद्वार स्थिति जेआर फर्मास्यूटिकल के मालिक रामकेवल ने नगर कोतवाली में 09 मार्च 2024 को मुकदमा दर्ज कराया था। बताया था कि उनके पूर्व परिचित पटियाला निवासी धीरज ऋषि ने उनकी मुलाकात सौरभ वत्स उर्फ सौरभ शर्मा निवासी अठूरवाला डोईवाला से कराई थी।

सौरभ ने खुद को उत्तराखंड सचिवालय में विशेष कार्याधिकारी पद पर कार्यरत बताया था। सौरभ वत्स ने एक दिन उसकी मुलाकात प्रकाश चंद्र उपाध्याय निवासी सुभाष रोड वर्तमान निवासी लेन-4 कलिंगा विहार माजरी माफी देहरादून से मुख्यमंत्री कार्यालय में करवाई। सौरभ ने बताया कि प्रकाश चंद्र उपाध्याय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का प्रमुख निजी सचिव है। बताया कि उसके बाद एक दिन सौरभ ने उन्हें मुख्यमंत्री सचिवालय में प्रकाश चंद्र उपाध्याय के पास बुलवाया और उत्तराखंड चिकित्सा विभाग में दवाओं के सप्लाई की टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने को कहा। जब उन्होंने ऑनलाइन टेंडर की बात की तो दोनों ने कहा कि वह उसे बिना ई-टेंडर के टेंडर दिला देंगे। उन्होंने पांच करोड़ का टेंडर दिलाने पर 10 प्रतिशत यानी पचास लाख रुपये पहले खर्च करने को कहा। बताया कि इसके बाद उन्होंने उन्हें अलग-अलग लोगों से मिलवाया जिससे कंपनी मालिक उनके झांसे में आ गया।

शिकायत में बताया कि फिर उन्होंने टेंडर के नाम पर उनकी कंपनी के नाम से कई टेंडर फॉर्म भरवाए। बताया कि सबसे पहले सौरभ वत्स, प्रकाश चंद्र उपाध्याय, महेश माहरिया एवं सोनक माहरिया ने 10 लाख रुपये एनईएफटी के माध्यम से खर्च के नाम पर महेश माहरिया के खाते में डलवाए। फिर सौरभ वत्स व नंदिनी वत्स उनकी फैक्टरी सिडकुल हरिद्वार आए। फैक्टरी में सौरभ वत्स ने 10 लाख रुपये लिए। फिर देहरादून सचिवालय बुलाकर टेंडर फीस के नाम पर 2,20,800 रुपये नकद प्रकाश चंद्र उपाध्याय और सौरभ ने लिए। फिर कुछ दिनों बाद इन्होंने अपने ड्राइवर शाहरुख खान निवासी डोईवाला को हरिद्वार भेजा जिसे उसने कुल 9,76,640 रुपये नकद टेंडर फॉर्म फीस के नाम पर दिए। बताया कि उन्होंने अलग-अलग उनसे 51,71,440 रुपये ले लिए। एसएसपी ने बताया कि शिकायत के बाद नगर कोतवाली में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की गई। जांच के बाद बुधवार रात को प्रकाश चंद उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

मामले में आरोपियों ने फर्जी सूचना मेमो उपलब्ध कराए थे जो आरोपी सौरभ वत्स के हस्ताक्षर से जारी किए गए थे। पीड़ित को आरोपियों ने 51,74,440 रुपये की राशि का फर्जी बिल बनाकर दिया था। जिसको देखकर पीड़ित को यकीन हो गया कि टेंडर उनके नाम पर जारी हो गया। धोखाधड़ी में प्रकाश में आए सौरभ वत्स राजस्थान में एक मामले में गिरफ्तार हुए हैं। जबकि, अन्य आरोपियों की गिरफ्तार के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि जल्द ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top