Flash Story
आपका मन तय नही करेगा कि आईसीयू चलेगा या नही, स्वछंद कार्यशैली मेरे जनपद में नही- डीएम
तीन भर्ती परीक्षाओं की बदली गई तारीख, जानिए अब कौन सी तिथि पर होंगी ये परीक्षाएं 
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टी20 सीरीज का दूसरा मुकाबला आज 
यूसीसी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए चार सदस्यीय समिति के गठन को राज्यपाल ने दी स्वीकृति
अजय देवगन की फिल्म ‘नाम’ का ट्रेलर रिलीज, अपने अतीत की तलाश में निकले अभिनेता
11 नवंबर को सचिवालय में कूच करेंगे उपनल कर्मचारी, राज्य निगम कर्मचारी महासंघ ने दिया समर्थन
अखिलेश यादव का बीजेपी पर हमला- “पहले बोरी में चोरी, अब बोरी ही गायब”
क्या पतले दिखना ही फिट होने की निशानी है? जानिए इसकी सच्चाई
“युवा महोत्सव” का रंगारंग आगाज, मुख्यमंत्री धामी संग खेल मंत्री रेखा आर्या ने किया शुभारंभ

लैपटॉप और मोबाइल का अधिक इस्तेमाल होता है हानिकारक, इससे होती है हड्डियों की ये बीमारियां

आधुनिकता के बढऩे से लोग मोबाइल और लैपटॉप जैसे उपकरणों के आदि होते जा रहे हैं। ऑफिस और घर पर बैठे-बैठे लोग अपना ज्यादातर समय लैपटॉप पर काम करते हुए या मोबाइल चलाते हुए बिता देते हैं।इन उपकरणों के अत्यधिक इस्तेमाल से आपको हड्डियों से जुड़ी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जिनके कारण दर्द उठ सकता है और स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।लैपटॉप के अधिक उपयोग से हड्डियों की ये बीमारियां होती हैं।

सरवाइकल
गर्दन का गठिया या सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस लैपटॉप और मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से होने वाली बीमारी है। इन उपकरणों को चलाते समय स्क्रीन को देखने से सर्वाइकल स्पाइन पर दबाव पड़ सकता है। यह गर्दन के जोड़ों और डिस्क को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके कारण आपको अकडऩ, लगातार गर्दन में दर्द और तंत्रिका संपीडऩ हो सकता है, जो हाथों और भुजाओं में झुनझुनी या सुन्नता का कारण बनता है।

रीढ़ की हड्डी का ऑस्टियोपोरोसिस
लैपटॉप चलाते समय ज्यादातर लोग लंबे समय तक गलत मुद्रा में बैठे रहते हैं। ऐसा करने से आपको रीढ़ की हड्डी का ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। इसके कारण न केवल आपकी हड्डियां कमजोर होती हैं, बल्कि उनके टूटने का खतरा भी बढ़ जाता है।इस बीमारी के आम तौर पर तब तक कोई लक्षण उजागर नहीं होते हैं, जब तक कोई हड्डी न टूट जाए।

रिपिटेटिव स्ट्रेन इंजरी
रिपिटिटिव स्ट्रेन इंजरी (आरएसआई) नामक बीमारी आमतौर पर लैपटॉप या मोबाइल के लंबे समय तक इस्तेमाल के कारण होती है।अपनी गर्दन की मांसपेशियों और शरीर पर अधिक तनाव डालने से यह परेशानी बढ़ सकती है। आरएसआई बीमारी समय के साथ टेंडन और कलाई की हड्डियों में सूजन पैदा कर सकती हैं। इसके कारण टेंडिनिटिस या कार्पल टनल सिंड्रोम हो सकता है, जो दर्द और काम करने में परेशानी का कारण बनता है।

थोरसिक आउटलेट सिंड्रोम
कॉलरबोन और पहली पसली के बीच की नसों या रक्त वाहिकाओं का दबना थोरैसिक आउटलेट सिंड्रोम का कारण बनता है।खराब मुद्रा में लैपटॉप या मोबाइल उपकरण चलाने से ही अक्सर यह समस्या उत्पन्न होती है। गर्दन और कंधों में दर्द, उंगलियों का सुन्न होना और पकड़ का कमजोर होना इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं।समय रहते इसका इलाज न करवाने पर अधिक गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

टेंडिनिटिस
लैपटॉप और मोबाइल पर लगातार उंगलियां चलाने से आपको टेंडिनिटिस नामक बीमारी लग सकती है। इसके कारण आपको उंगलियों में दर्द हो सकता है और कलाई व हाथ में सूजन आ सकती है।आम तौर पर लोग इस समस्या को आम परेशानी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि, इसका समय पर इलाज न होने से यह बीमारी गंभीर भी हो सकती है।आप स्वस्थ रहने के लिए कुर्सी पर बैठे-बैठे ये एक्सरसाज कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top