सोम्नीफोबिया की बीमारी क्या है? दरअसल इसे आम बोलचाल और हेल्थ एक्सपर्ट के भाषा में कहेंगे सोने के नाम पर अजीब सा डर लगना. आपको उदाहरण से समझाने की कोशिश करते हैं. मान लीजिए आपको अर्ली मॉर्निंग जरूरी काम के लिए फ्लाइट पकडऩी है. आप इस चक्कर में पूरी रात नहीं सोते हैं कि अगर आप सो गए तो फिर आपकी फ्लाइट छूट जाएगी. अनहोनी हो जाएगी. कई तरह से सवाल दिमाग में आते हैं. इतनी सारी बातों के बीच दिमाग इतना ज्यादा उलझ जाता है कि आपको लगता है कि कुछ अनहोनी हो जाए इससे अच्छा है कि पूरी रात जगने में ही भलाई है.
सोमनीफोबिया के लक्षण
यह तो एक मामूली सी बात हो गई लेकिन ऐसा ही डर कुछ लोगों के अंगर गंभीर रूप ले लेता है और यह सोमनीफोबिया की बीमारी का शिकार बना देता है. इस बीमारी के मरीज सोते ही नहीं है. उन्हें सोने के नाम से डर लगता है. उन्हें लगता है कि अगर सो गए तो कुछ अनहोनी घट जाएगी. अगर बिस्तर पर लेटेंगे भी तो उनके शरीर पर अजीबोगरीब चीजें दिखाई देगी. जिसे सोमनीफोबिया के लक्षण कहे गए हैं। जैसे-:
- माथे से पसीना, नम हथेलियां, तेज़ दिल धडक़ना।
- सोम्नीफोबिया के लक्षण नींद की कमी के कारण पूरे दिन काफी ज्यादा थकावट रहता है. हालांकि, ऐसे शारीरिक लक्षणों के अलावा, मनोवैज्ञानिक लक्षण भी हैं।
- हाइपरवेंटिलेशन, सीने में दर्द, कोल्ड फ्लश, कंपन और कंपन, मतली, उल्टी, दिल की धडक़न तेज होना।
- पार्किंसंस पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, डिमेंशिया, डिप्रेशन जैसी बीमारी में लोगों में फोबिया को अधिक गंभीर बीमारी का लक्षण माना जाता है।
मनोवैज्ञानिक लक्षण जो किसी व्यक्ति में हो सकते हैं वे हैं:
विनाश की आशंका, अलगाव की भावना, चिंता और घबराहट के दौरे, नींद में देरी, सोने के समय से बचना।
सोम्नीफोबिया से बचने के लिए करें यह उपाय
रोजाना एक्सरसाइज करें, अच्छा डाइट लें और सोने से पहले किताब जरूर पढ़ें. कम से कम कैफीन का इस्तेमाल करें. दिन के वक्त झपकी लेने से बचें।