हल्द्वानी हिंसा केस- लीज की शर्तों का उल्लंघन, याचिकाकर्ता को नहीं मिली राहत
याचिकाकर्ता के पक्ष में पूर्व केंद्रीय मंत्री व अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने की पैरवी
लीजधारक ने लीज की शर्तों का उल्लंघन किया- महाधिवक्ता
नैनीताल। हल्द्वानी के वनभूलपुरा में मलिक के बगीचे से जुड़े अतिक्रमण के मामले हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता सफिया मलिक को कोई राहत न देते हुए सरकार से छह सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल कटने को कहा है। बीते आठ फरवरी को लीज पर दी गयी नजूल भूमि पर निर्मित अवैध मदरसे व नमाज स्थल को हटाने में हुई हिंसा में छह लोगों की मौत हो गयी थी। इस मुद्दे पर हाई कोर्ट ने हल्द्वानी के वनभूलपुरा में मलिक के बगीचे से अतिक्रमण हटाने को लेकर नगर निगम के नोटिस को चुनौती देती याचिका पर आज, बुधवार को सुनवाई की। याचिकाकर्ता को किसी तरह की राहत नहीं दी और राज्य सरकार को मामले में छह सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
1937 में सरकार ने लीज पर कृषि कार्य के लिए फए थी जमीन
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हल्द्वानी की साफिया मलिक की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया था कि तत्कालीन सरकार ने 1937 में जमीन को लीज में दिया था।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि नगर निगम हल्द्वानी ने नियम विरुद्ध तरीके से ध्वस्तीकरण नोटिस दिया गया जबकि सरकार की ओर से महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने बताया कि लीजधारक ने लीज की शर्तों का उल्लंघन किया।
लीज केवल कृषि कार्य के लिए 10 वर्ष के लिए दी गई थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।