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केदारनाथ में किया जा रहा पुनर्निर्माण कार्य, 700 से अधिक मजदूर कर रहे काम

धाम में पुल, अस्पताल, बीकेटीसी भवन सहित अन्य कार्य को इस वर्ष तक पूरा करने का रखा लक्ष्य 

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में दिनोंदिन ठंड़ बढ़ रही है। धाम में पुल, अस्पताल, बीकेटीसी भवन सहित अन्य भवन कार्य को इस वर्ष तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही केदारनाथ-गौरीकुंड पैदल मार्ग को भी दुरस्त किया जा रहा है। पैदल मार्ग पर हिमखंड जोन पर सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं, जिससे आगामी यात्राकाल में सुरक्षित यात्रा संचालन हो सके। धाम से लेकर पैदल मार्ग पर 700 से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ में तीन चरणों में पुनर्निर्माण कार्य किया जा रहा है। इन दिनों दूसरे चरण के तहत भवन सहित पुल, सीवर लाइन, एसटीपी प्लांट आदि कार्य किए जा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग का तीन मंजिला अस्पताल, श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का भवन सहित कई कार्य अंतिम चरण में हैं, जिन्हें इस वर्ष पूरा किया जाना है। इधर, बीते बीते 3 नवंबर को केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद कार्यों को तेजी से किया जा रहा है। पैदल मार्ग से भी घोड़ा-खच्चरों से प्रतिदिन कई क्विंटल निर्माण सामग्री धाम पहुंचाई जा रही है। केदारनाथ क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने का काम भी चल रहा है। मंदिर मार्ग से लेकर अन्य स्थानों पर सीवर लाइन बिछाई जा रही है, जिससे वहां के सभी भवन जोड़े जा रहे हैं। बेस कैंप के समीप सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य भी अंतिम चरण में पहुंच गया है।

दूसरी तरफ इस वर्ष जुलाई में अतिवृष्टि से प्रभावित केदारनाथ-गौरीकुंड पैदल मार्ग को भी सुरक्षित और सुलभ बनाया जा रहा है। जिन स्थानों पर रास्ता पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था, वहां पर आरसीसी पुश्तों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही पानी की निकासी के लिए स्कपर बनाने के साथ ही नाली बनाई जा रही है। हिमखंड जोन में पुलिया निर्माण किया जा रहा है। केदारनाथ धाम ठंड बढ़ने के साथ ही तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। यहां देर शाम से तापमान मानइस में पहुंच रहा है।

साथ ही सुबह के समय ठंड अधिक हो रही है। लोनिवि के अनुसार, रात को तापमान माइनस 4 डिग्री तक पहुंच रहा है। कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ धाम से लेकर पैदल मार्ग पर पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी आ गई है। इस वर्ष के आखिर तक कई कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके हिसाब से धाम से पैदल मार्ग पर 700 से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं।

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