Flash Story
आईपीएल 2025 के फाइनल मुकाबले में आज पंजाब किंग्स से भिड़ेगी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु
आईपीएल 2025 के फाइनल मुकाबले में आज पंजाब किंग्स से भिड़ेगी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु
हरिद्वार ज़मीन घोटाले पर धामी सरकार का ऐतिहासिक वार, 2 IAS, 1 PCS समेत 12 अफसर निलंबित, विजिलेंस को सौंपी गई जांच
हरिद्वार ज़मीन घोटाले पर धामी सरकार का ऐतिहासिक वार, 2 IAS, 1 PCS समेत 12 अफसर निलंबित, विजिलेंस को सौंपी गई जांच
पीएम मोदी की अगुवाई में मंत्रिपरिषद की बैठक कल, विकसित भारत के लक्ष्य पर रहेगा जोर
पीएम मोदी की अगुवाई में मंत्रिपरिषद की बैठक कल, विकसित भारत के लक्ष्य पर रहेगा जोर
विकास, सुशासन और राष्ट्र निर्माण के 11 साल, सीएम धामी ने गिनाई मोदी सरकार की उपलब्धियाँ
विकास, सुशासन और राष्ट्र निर्माण के 11 साल, सीएम धामी ने गिनाई मोदी सरकार की उपलब्धियाँ
महाराज ने पत्रकार धूलिया के असामयिक निधन पर जताया दु:ख
महाराज ने पत्रकार धूलिया के असामयिक निधन पर जताया दु:ख
विकसित उत्तराखण्ड बनाने के लिए समाज के अन्तिम छोर के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में कार्य किये जाएं- मुख्यमंत्री
विकसित उत्तराखण्ड बनाने के लिए समाज के अन्तिम छोर के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में कार्य किये जाएं- मुख्यमंत्री
एक महीने में श्री केदारनाथ धाम यात्रा में लगभग 200 करोड़ का कारोबार
एक महीने में श्री केदारनाथ धाम यात्रा में लगभग 200 करोड़ का कारोबार
मुख्यमंत्री धामी ने हरिद्वार में वात्सलय गंगा आश्रय का किया लोकार्पण
मुख्यमंत्री धामी ने हरिद्वार में वात्सलय गंगा आश्रय का किया लोकार्पण
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने को तैयार उत्तराखंड
प्राकृतिक आपदाओं से निपटने को तैयार उत्तराखंड

छोटे किसान खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत

छोटे किसान खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत

वैश्विक खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण भी काफी जरूरी है। कृषि अर्थशास्त्रियों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र का यह कहना बेहद अहम है। इसकी कई वजहें हैं। खाद्यान्न उत्पादन में भारत हमेशा से समृद्ध और सक्षम  रहा है। आजादी के वक्त भले हमारी स्थिति कमजोर थी और खाद्य सुरक्षा चुनौती थी, मगर आज हम खाद्य अधिशेष देश हैं। दूध, दाल एवं कई मसालों का सबसे बड़ा व खाद्यान्न, फल-सब्जी, कपास, चीनी, चाय व मछली का दूसरा बड़ा उत्पादक हैं। दरअसल, यह सबकुछ संभव हुआ है खेती में नई नीतियों का समायोजन करके। चूंकि भारत में छोटे किसान खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत हैं इस नाते भारत वैश्विक हो रही खाद्यान्न समस्या को सही और समग्र तरीके से समझने वाला देश है औंर इसके निदान के लिए भारत के मॉडल कई देशों के काम आ सकते हैं।

देश की 70 फीसद से ज्यादा की आबादी खेती-किसानी करती है। भारतीय अर्थव्यवस्था को विस्तार और ताकत देने में खेती का बहुमूल्य योगदान है। साफ है कि कृषि हमारी आर्थिक नीतियों के केंद्र में है। जहां तक बात वैश्विक तौर पर खाद्य संकट को दूर करने की है तो भारत ने ऐसे कई उपाय तलाशे हैं, जिससे इस बड़ी समस्या को हल किया जा सकता है।

इसमें प्राकृतिक खेती का चलन सबसे कारगर है। अच्छी बात है कि इसके परिणाम भी सुखद आ रहे हैं। स्वाभाविक है सरकार के लिए यह वाकई सुखकारी स्थिति है। यही वजह है कि इस बार के बजट में कृषि के सतत विकास पर बड़ा फोकस है। हां, चुनौती भी हमारे दरपेश है।
क्योंकि जलवायु में हाहाकारी बदलाव ने कृषि के रंग-ढंग को बदल कर रख दिया है। इस नाते शोध की जरूरत आन पड़ी है। हालांकि हमारा जोर शोध व नवाचार पर है और जलवायु के अनुकूल फसल की 1900 प्रजातियां हमने दुनिया को दी हैं।

पानी की कमी या चावल उत्पादन में पानी की भारी जरूरत ने यह चर्चा भी तेज कर दी है कि हमें अब ऐसी फसल के उत्पादन पर सोच-समझकर फैसला लेना होगा, जहां पानी की ज्यादा जरूरत पड़ती है।

इन सबके बावजूद कृषि की हमारी प्राचीन मान्यताओं के दम पर हमें यह कहने में कतई गुरेज नहीं कि वैश्विक खाद्य संकट का निदान हम ही दे सकते हैं। पूरी दुनिया हमारी काबिलियत से वाकिफ है और यही हमारी ताकत भी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top