Flash Story
जिले में प्रथम बार अब डीएम आफिस में ही आमजन को निःशुल्क विधिक सलाह, निःशुल्क सरकारी वकील मुहैया
जिले में प्रथम बार अब डीएम आफिस में ही आमजन को निःशुल्क विधिक सलाह, निःशुल्क सरकारी वकील मुहैया
आईपीएल 2025 के 13वें मुकाबले में आज लखनऊ सुपर जायंट्स और पंजाब किंग्स होगी आमने- सामने 
आईपीएल 2025 के 13वें मुकाबले में आज लखनऊ सुपर जायंट्स और पंजाब किंग्स होगी आमने- सामने 
पीएम मोदी ने धामी सरकार के तीन साल पूरे होने पर दी बधाई
पीएम मोदी ने धामी सरकार के तीन साल पूरे होने पर दी बधाई
सहकारिता विभाग को मिले आधा दर्जन सहायक निबंधक
सहकारिता विभाग को मिले आधा दर्जन सहायक निबंधक
सीएम धामी ने किया उत्तरांचल प्रेस क्लब के इंटर क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ 
सीएम धामी ने किया उत्तरांचल प्रेस क्लब के इंटर क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ 
जुनैद खान की फिल्म ‘लवयापा’ की ओटीटी रिलीज तारीख से उठा पर्दा, इस दिन होगी प्रीमियर
जुनैद खान की फिल्म ‘लवयापा’ की ओटीटी रिलीज तारीख से उठा पर्दा, इस दिन होगी प्रीमियर
शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा छठीं से दसवीं और 12वीं में दाखिला के लिए आज से आवेदन शुरु 
शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा छठीं से दसवीं और 12वीं में दाखिला के लिए आज से आवेदन शुरु 
क्या आप भी सोने से पहले चलाते हैं स्मार्टफोन, तो हो जाएं सावधान, नहीं तो सेहत को हो सकता है नुकसान
क्या आप भी सोने से पहले चलाते हैं स्मार्टफोन, तो हो जाएं सावधान, नहीं तो सेहत को हो सकता है नुकसान
मुख्यमंत्री धामी ने विभिन्न स्थानों के नाम में की परिवर्तन की घोषणा
मुख्यमंत्री धामी ने विभिन्न स्थानों के नाम में की परिवर्तन की घोषणा

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: निजी संपत्तियों पर सरकार नहीं कर सकती कब्जा

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: निजी संपत्तियों पर सरकार नहीं कर सकती कब्जा

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संविधान पीठ ने मंगलवार को निजी संपत्तियों पर सरकारी अधिकार को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 8-1 के बहुमत से यह निर्णय लिया गया। अदालत ने स्पष्ट किया कि सभी निजी संपत्तियों को सामुदायिक संसाधनों के रूप में नहीं देखा जा सकता, जिन्हें राज्य सरकार आम भलाई के लिए अपने कब्जे में ले सके।

हर निजी संपत्ति पर सरकारी अधिकार नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) के तहत सभी निजी संपत्तियों को ‘समुदाय के भौतिक संसाधनों’ का हिस्सा नहीं माना जा सकता और न ही राज्य उन्हें ‘सार्वजनिक भलाई’ के नाम पर अपने अधिकार में ले सकता है। कोर्ट ने 1978 से संबंधित कई पुराने फैसलों को पलटते हुए कहा कि केवल कुछ संपत्तियां ही सामुदायिक भलाई के लिए उपयुक्त हो सकती हैं, लेकिन सभी संपत्तियों पर सरकारी अधिकार नहीं बनता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top