कई लोग अपना वजन बढ़ाने और सेहत बनाने के लिए प्रोटीन के सप्लीमेंट लेते हैं। हालांकि, रोजाना इन सप्लीमेंट्स को डाइट में शामिल करने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है।इसके सेवन से आपको गैस, पेट में सूजन और दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसका कारण है कि इन सप्लीमेंट्स में हानिकारक रासायनिक पदार्थ शामिल होते हैं।साथ ही इनका नियमित सेवन डिहाइड्रेशन का भी कारण बन सकता है।आइए प्रोटीन सप्लीमेंट के 5 हानिकारक प्रभाव जानते हैं।
किडनी पर पड़ता है बुरा असर
प्रोटीन का सेवन करने से शरीर में अमोनिया का उत्पादन होता है। यह बाद में यूरिया एसिड और मूत्र में बदल जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, बहुत अधिक प्रोटीन सप्लीमेंट का सेवन करने से किडनी में रक्तचाप बढ़ जाता है। इससे लोगों को अधिक नुकसान पहुंचता है, क्योंकि यह रक्त से कैल्शियम को सोख लेता है और किडनी पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।शरीर में प्रोटीन की कमी को दर्शाते हैं ये 5 लक्षण।
कैंसर का खतरा
व्हे प्रोटीन में ट्यूमर के आकार को कम करने और ट्यूमर के विकास को रोकने की क्षमता होती है। हालांकि, कुछ प्रोटीन पाउडर ब्रांडों में भारी मात्रा में धातु का इस्तेमाल किया जाता है।इनके सेवन से लोगों को कैंसर का खतरा को सकता है। साथ ही, व्हे प्रोटीन की खुराक में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले इंसुलिन जैसे हॉर्मोन कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
अस्वस्थ तरीके से बढ़ता है वजन
प्रोटीन सप्लीमेंट्स के अधिक सेवन से भूख बढ़ सकती है। ऐसा होने के कारण आपके द्वारा खाई गई कैलोरी और वसा में भी इजाफा हो सकता है।इनका सेवन बेहद हानिकारक हो सकता है, क्योंकि प्रोटीन सप्लीमेंट को रोजाना खान-पान का हिस्सा बनाने से तेजी से वजन बढऩे लगता है।इससे आपका शरीर मोटा होने लगता है और संपूर्ण स्वास्थ्य बुरी तरह से प्रभावित होता है। आप प्रोटीन पाने के लिए इन फलों को डाइट में शामिल कर सकते हैं।
बढ़ती हैं पाचन संबंधी समस्याएं
अपनी लैक्टोज सामग्री के कारण, प्रोटीन पाउडर, विशेष रूप से व्हे और कैसिइन प्रोटीन पाचन समस्याओं को बढ़ा सकते हैं।जो लोग लैक्टोज इन्टॉलरेंट हैं, उन्हें खास तौर से प्रोटीन सप्लीमेंट्स से दूरी बनानी चाहिए। इनके सेवन से उन्हें मल त्याग में परेशानी, पेट में सूजन, मतली, पेट दर्द और दस्त हो सकता है।प्रोटीन सप्लीमेंट ज्यादा मात्रा में खाने से अधिक मात्रा में गैस बनती है, जिससे जिम जाने में भी आपको परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
होता है हॉर्मोनल असंतुलन
सोया-आधारित प्रोटीन सप्लीमेंट में अधिक मात्रा में फाइटोएस्ट्रोजन नामक हॉर्मोन शामिल होता है। इसके अत्यधिक सेवन से शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन होने लगता है।
रिपोर्ट के अनुसार, 95 प्रतिशत प्रोटीन सप्लीमेंट सोया से बनते हैं, जिनमें ग्लाइफोसेट होता है। यह एक ऐसा पदार्थ है, जो हॉर्मोनल अस्थिरता, गर्भपात और जन्म दोष का कारण बन सकता है।इन सभी परेशानियों से बचने के लिए आपको कम मात्रा में प्रोटीन सप्लीमेंट लेने चाहिए या डाइट में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जोडऩे चाहिए।