Flash Story
घरेलू उपभोक्ताओं पर अब 25 से 45 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ेगा भार
घरेलू उपभोक्ताओं पर अब 25 से 45 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ेगा भार
इस साल न हो आईएसबीटी पर distress visit- डीएम
इस साल न हो आईएसबीटी पर distress visit- डीएम
आईपीएल 2025- चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच मुकाबला आज 
आईपीएल 2025- चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच मुकाबला आज 
‘धुआं-गंध से जीना मुश्किल’, MPCC कंपनी पर ग्रामीणों के गंभीर आरोप, बोले- जानलेवा है प्लांट, नहीं रुका तो करेंगे बड़ा आंदोलन
‘धुआं-गंध से जीना मुश्किल’, MPCC कंपनी पर ग्रामीणों के गंभीर आरोप, बोले- जानलेवा है प्लांट, नहीं रुका तो करेंगे बड़ा आंदोलन
पूर्व सीएम 15 अप्रैल को मुखबा से गंगा सम्मान यात्रा का करेंगे शुभारंभ 
पूर्व सीएम 15 अप्रैल को मुखबा से गंगा सम्मान यात्रा का करेंगे शुभारंभ 
अजय देवगन की फिल्म ‘रेड 2’ का स्पेशल सॉन्ग ‘नशा’ हुआ रिलीज, तमन्ना भाटिया ने जबर्दस्त डांस मूव्स से जीता फैंस का दिल
अजय देवगन की फिल्म ‘रेड 2’ का स्पेशल सॉन्ग ‘नशा’ हुआ रिलीज, तमन्ना भाटिया ने जबर्दस्त डांस मूव्स से जीता फैंस का दिल
धामी सरकार ने शराब की नई दुकानें खोलने पर लगाई रोक, जिलाधिकारियों को दिए निर्देश 
धामी सरकार ने शराब की नई दुकानें खोलने पर लगाई रोक, जिलाधिकारियों को दिए निर्देश 
क्या आप भी हैं पीठ के दर्द से परेशान, तो इन योगासनों का करें अभ्यास, मिलेगी राहत 
क्या आप भी हैं पीठ के दर्द से परेशान, तो इन योगासनों का करें अभ्यास, मिलेगी राहत 
पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि ने जमकर मचाई तबाही, फल और खड़ी फसलें हुई बर्बाद 
पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि ने जमकर मचाई तबाही, फल और खड़ी फसलें हुई बर्बाद 

पढ़ते समय सुन रहे हैं गाने तो जानें ये कितना सही, कितना गलत? कैसा म्यूजिक है फायदेमंद

पढ़ते समय सुन रहे हैं गाने तो जानें ये कितना सही, कितना गलत? कैसा म्यूजिक है फायदेमंद

म्यूजिक मूड को रिफ्रेश कर बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, लेकिन ध्यान रखने की बात है कि म्यूजिक को हमेशा स्टडी टूल की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। पढ़ाई हमेशा शांत जगह ही करनी चाहिए। पढ़ाई हमेशा शांत माहौल में करना चाहिए, इससे ध्यान नहीं भटकता है और पढ़ी हुई चीज जल्दी याद होती है। अक्सर घर में बड़ों और स्कूल के टीचर्स को ऐसा कहते सुना होगा। यह बात काफी हद तक ठीक भी मानी जाती है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो पढ़ते समय गाने सुना करते हैं।

जिससे लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या ऐसा करना सही है, क्या इससे पढ़ाई में मन लगता है या याद की हुई चीजें दिमाग में बैठती हैं। आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब… पढ़ाते करते समय गाने सुनना गलत आदत है। इससे याददाश्त पर दबाव पड़ सकता है। यह इसी तरह है जब दो चैनल एक ही फ्रीक्वेंसी पर चल रहे हों. दरअसल, पढ़ाई और म्यूजिक एक साथ टकराव पैदा करती हैं. इससे पढ़ाई से मन भटक जाता है और टॉपिक भी याद नहीं रहता है. स्टडीज के मुताबिक, म्यूजिक सुनने से फोकस पर पॉजिटिव और निगेटिव दोनों तरह के असर पड़ सकते हैं। म्यूजिक मूड को रिफ्रेश करता है लेकिन तेज म्यूजिक से ध्यान भकटता है और परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है।

इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक से ज्यादा नुकसान नहीं होता है. पढ़ाई करते हुए अगर इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक छात्र सुनते हैं तो इससे तनाव कम और एकाग्रता बढ़ सकती है. यह ध्यान भटकाए बिना अलर्टनेस बढ़ाती है. अनफैमिलियर म्यूजिक सुनने से मैथ्य और लैंग्वैज जैसे विषयों को पढने में परेशानी आ सकती है, जबकि फैमिलियर म्यूजिक चिंता कम कर परफॉर्मेंस में सुधार ला सकता है। म्यूजिक सुनने से मूड में सुधार होता है और अकेले रहने की भावनाएं कम होती हैं. एकाग्रता चाहने वालों को म्यूजिक नहीं सुनना चाहिए। गाने सुनने से बचें, स्लो और इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक सुन सकते हैं।  ऐसा म्यूजिक ही सुनने की कोशिश करें जो फीलिंग को स्ट्रॉग न करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top