Flash Story
चारधाम यात्रियों की संख्या में हो रहा है इजाफा- महाराज
चारधाम यात्रियों की संख्या में हो रहा है इजाफा- महाराज
यात्रा मार्ग पर 25 स्थानों पर मिल रही ई चार्जिंग की सुविधा
यात्रा मार्ग पर 25 स्थानों पर मिल रही ई चार्जिंग की सुविधा
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
चुनाव में पारदर्शिता के लिए आयोग सख्त, व्यय विवरण न देने वालों पर होगी कार्रवाई
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  
क्या आप भी करते हैं गर्मियों में अधिक आम का सेवन, अगर हां, तो जान लीजिये इसके नुकसान  
भारत का रक्षा निर्यात नई ऊंचाइयों पर, आत्मनिर्भरता बनी सफलता की कुंजी- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
भारत का रक्षा निर्यात नई ऊंचाइयों पर, आत्मनिर्भरता बनी सफलता की कुंजी- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार
एक लाख की रिश्वत के साथ आईएसबीटी चौकी प्रभारी गिरफ्तार
आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान
आईटीडीए को मजबूत करने के निर्देश, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर सिस्टम अपग्रेड का आह्वान
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक 
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक 
दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने में नाविक सैटेलाइट की भूमिका महत्वपूर्ण- महाराज
दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने में नाविक सैटेलाइट की भूमिका महत्वपूर्ण- महाराज

राहुल को युद्ध और हिंसा की सच्चाई समझना होगा

राहुल को युद्ध और हिंसा की सच्चाई समझना होगा

देशवासियों को बेसब्री से इंतजार था और दिलचस्पी भी थी कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहली बार राहुल गांधी सदन में कौन-सा नया विचार रखेंगे। कौन-कौन से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे हैं जिनसे सरकार और प्रधानमंत्री को असहज करेंगे। इतिहास ने उन्हें करोड़ों देशवासियों का दिल जीतने का अवसर दिया था लेकिन उन्होंने ऐतिहासिक अवसर को गंवा दिया। राहुल खुद को ‘एंगरी यंगमैन’ के रूप में पेश करते हुए भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कह गए कि जो लोग खुद को हिन्दू कहते हैं, वे चौबीस घंटे हिंसा, नफरत और झूठी बातें करते रहते हैं।

देश के समूचे हिन्दू समाज को हिंसक बताकर बहुसंख्यक आबादी को न केवल नाराज किया, बल्कि अपमानित भी कर दिया। जब प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि पूरे हिन्दू समाज को हिंसक कहना गलत है, यह गंभीर विषय है। इसके बाद राहुल को समझ में आया कि वह गलती कर बैठे हैं और अपनी गलती को सुधारते हुए उन्हें कहना पड़ा कि वह भाजपा के बारे में बोल रहे थे। भाजपा, आरएसएस या प्रधानमंत्री मोदी पूरा हिन्दू समाज नहीं हैं।

सबसे दिलचस्प बात यह थी कि राहुल भगवान शिव, भगवान बुद्ध, महावीर, गुरुनानक देव की तस्वीर लेकर सदन में आए थे। उन्होंने अपनी बात रखते हुए ईसा मसीह और पैगम्बर मोहम्मद साहिब का भी जिक्र किया और कहा कि ये सभी अभय मुद्रा में हैं। यह सच है कि इन सभी महापुरुषों ने शांति और अहिंसा का संदेश दिया है और यह भी सच है कि कोई भी धर्म हिंसा का समर्थन नहीं करता।

लेकिन राहुल किसी भी महापुरुष के दर्शन और विचार को न परिभाषित कर पाए, न व्याख्यायित कर पाए और न सदन के जरिए देशवासियों को ही समझा पाए। पौराणिक ग्रंथों में सुर-असुर संग्राम की चर्चा है। धर्म की रक्षा के लिए शिव, कृष्ण आदि देवताओं ने भी हथियार उठाए हैं। चाहे शिवाजी हों या महाराणा प्रताप, सभी के जीवन में युद्ध करने के अवसर आए हैं। पिछले दो वर्षो से समूचे विश्व का ध्यान रूस-यूक्रेन और फिलिस्तीन-इस्रइल युद्ध की ओर गया है।

मानवीय हिंसा और युद्ध गहरी चिंता और घृणा के विषय हैं, लेकिन यह भी सच है कि पिछले दो विश्व युद्ध भी मानव जाति को युद्ध और हिंसा की आग में जलाने से रोक नहीं पाए। राहुल गांधी को युद्ध और हिंसा की सचाई को समझना होगा। कोई भी सभ्य समाज हिंसा का समर्थन नहीं करता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top